जर्मन और फे्रंच भी सीख सकेंगे अब जिले के युवा पीजी कॉलेज ने दिल्ली की संस्था से किया एमओयू
मध्य प्रदेश जर्मन और फे्रंच भी सीख सकेंगे अब जिले के युवा पीजी कॉलेज ने दिल्ली की संस्था से किया एमओयू
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। पीजी कॉलेज में पढऩे वाले जिले के युवा अब जर्मन और फ्रेंच भाषा के साथ लोक कला पर आधारित पेंटिंग भी सीख सकेंगे। इससे उनका न केवल व्यक्तित्व विकास होगा बल्कि करियर की संभावनाएं भी खुलेंगी। जानकारी अनुसार पीजी कॉलेज ने दिल्ली की एक संस्था से बुधवार को एमओयू साइन किया है। जिसमें यह संस्था कॉलेज में पढऩे वाले युवाओं को भारतीय लोक कला पर आधारित पेंटिंग और जर्मन व फे्रंच भाषा भी नि:शुल्क सिखाएगी।
यह प्रशिक्षण भौतिक व वर्चुअल दोनों ही तरह से होगा। स्टूडेंट्स अपनी रुचि व समय प्रबंधन के मुताबिक इसमें हिस्सेदार बन सकेंगे। कॉलेज प्राचार्य डॉ. पीआर चंदेलकर और स्वामी विवेकानंद केरियर गाइडेंस योजना के संभागीय नोडल अधिकारी डॉ.पीएन सनेसर ने बताया कि भारतीय लोक कलाओं पर आधारित पेंटिंग और फ्रेंच, जर्मन जैसी विदेशी भाषा में वर्तमान समय में स्वरोजगार के विभिन्न अवसर उपलब्ध हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए नई दिल्ली की एक संस्था के साथ कालेज ने एमओयू किया है। जिसके अंतर्गत लोक कला के क्षेत्र में रुचि रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर जिला नोडल अधिकारी डॉ. जगमोहन पुषाम सहित करियर गाइडेंस सेल से डॉ.टीकमणी पटवारी, महेंद्र साहू और डॉ.निधि डोडानी उपस्थित थी।
पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा
जिले में पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। तामिया, पातालकोट, पचमढ़ी, पेंच नेशनल पार्क, सतपुड़ा नेशनल पार्क जैसी जगहें पर्यटकों से हमेशा भरी रहती हैं। ऐसे में विदेशी भाषाओं की समझ जिले के ग्रामीण युवाओं के लिए करियर की असीम संभावनाएं बनाती हैं।
मल्टीनेशनल कंपनियों में बढ़ेगी पूछपरख
हिंदी व अंग्रेजी के अलावा अन्य विदेशी भाषाओं के ज्ञान से जिले के युवाओं की मल्टीनेशनल कंपनियों में पूछपरख बढ़ जाएगी। महानगरों में भी रोजगार के रास्ते आसान हो जाएंगे।
इनका कहना है
पीजी कॉलेज से इसकी शुरुआत की जा रही है। रिस्पांस देखने के बाद जिले के अन्य कॉलेजों समेत तीनों जिलों के कॉलेजों में भी इसे शुरु किया जाएगा।