कांग्रेस के निशाने पर केंद्र सरकार, पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने पूछा- वैक्सीन की आपातकालीन मंजूरी में देरी क्यों की
कांग्रेस के निशाने पर केंद्र सरकार, पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने पूछा- वैक्सीन की आपातकालीन मंजूरी में देरी क्यों की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस संक्रमण के बीच कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह कोवैक्सिन, कोविशील्ड और स्पुतनिक वी के मामले को छोड़कर कई महीनों तक देश में कोरोनावायरस के टीकों को मंजूरी देने में बेवजह देरी कर रही है।
चिदंबरम ने कहा, हमारा संदेह सही साबित हुआ है कि सरकार ने कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक वी के अलावा किसी अन्य वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है। सरकार ने फाइजर और मॉडर्न के साथ बातचीत पहले उनके टीकों को आपातकालीन उपयोग स्वीकृति (ईयूए) दिए बिना क्यों चलाई?
चिदंबरम ने कहा, जब अमेरिका और अन्य देशों ने मंजूरी दी थी तो सरकार को मंजूरी देने का फैसला करने में 8-9 महीने क्यों लगे। उन्होंने कहा, याद रखें, डॉ मनमोहन सिंह ने अपने पत्र में यह विशिष्ट सुझाव दिया था, जिसका केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कड़ा जवाब दिया था। उन्होंने कहा, अप्रैल के मध्य में, केंद्र को सिंह के पत्र ने महामारी से लड़ने के लिए टीकाकरण अभियान को महत्वपूर्ण बनाने का सुझाव दिया, जिसमें सरकार से टीकाकरण पर ध्यान केद्रित करने के लिए कहा गया था।
पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी जोड़ा था कि भारत ने वर्तमान में अपनी आबादी के केवल एक छोटे से हिस्से का टीकाकरण किया है, और सही नीति के साथ, हम बहुत बेहतर और बहुत जल्दी कर सकते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के विशेषज्ञों ने बुधवार को घरेलू वैक्सीन उत्पादन और तैनाती की खराब योजना के लिए सरकार पर निशाना साधा था।
वहीं, देश में कोरोनावायरस वैक्सीन की कमी के बीच मोदी सरकार ने बड़ी डील फाइनल कर ली है। मोदी सरकार ने हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी बायोलॉजिकल-ई से वैक्सीन की 30 करोड़ डोज का करार किया है। ये वैक्सीन अगस्त से दिसंबर 2021 के बीच बनाई जाएंगी और स्टोर की जाएंगी। केंद्र सरकार की ओर से इसके लिए कंपनी को 1500 करोड़ रुपए का एडवांस पेमेंट किया गया है। खास बात यह भी है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के बाद यह दूसरी मेड इन इंडिया वैक्सीन होगी।