अमरावती जमीन मामले में आंध्र के पूर्व मंत्री को मिली अग्रिम जमानत

आंध्र प्रदेश अमरावती जमीन मामले में आंध्र के पूर्व मंत्री को मिली अग्रिम जमानत

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-14 17:30 GMT
अमरावती जमीन मामले में आंध्र के पूर्व मंत्री को मिली अग्रिम जमानत

डिजिटल डेस्क, अमरावती। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने बुधवार को पूर्व मंत्री पोंगगुरु नारायण को अमरावती क्षेत्र में आवंटित जमीन की बिक्री में कथित अनियमितता से संबंधित एक मामले में अग्रिम जमानत दे दी।नारायण की एक याचिका पर अंतरिम आदेश में अदालत ने सीआईडी को तीन महीने के लिए गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी है।

तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता ने स्वास्थ्य आधार पर अग्रिम जमानत की मांग करते हुए याचिका दायर की थी, जिसमें अदालत से कहा गया था कि उन्हें इलाज के लिए विदेश जाना पड़ सकता है।मामले की जांच कर रहे सीआईडी के विशेष जांच दल द्वारा नारायण के पांच करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद यह बात सामने आई है।

सीआईडी ने रामकृष्ण हाउसिंग लिमिटेड के कर्मचारी कोल्ली शिवराम, गट्टेम वेंकटेश, चिक्कला विजया सारधी, के.के. डोरा बाबू और बड़े अंजनयुलु पर एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।सीआईडी के मुताबिक, आरोपी ने अमरावती क्षेत्र के गांवों में 1,100 एकड़ जमीन की खरीद में कई तरह की अनियमितताएं कीं।

वाई प्रसाद कुमार की शिकायत पर 2020 में मामला दर्ज किया गया था। उस समय के नगर प्रशासन और शहरी विकास मंत्री के रूप में, नारायण ने कथित तौर पर अपने ही रिश्तेदारों और परिचितों को बेनामी लेनदेन के रूप में इस्तेमाल करते हुए राजधानी शहर क्षेत्र में आवंटित भूमि की अवैध खरीद की साजिश रची थी। नियत भूमि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को सरकार द्वारा आवंटित भूमि है और नियमों के अनुसार, उन्हें खरीदा या बेचा नहीं जा सकता है।

जांच दल ने दावा किया कि तत्कालीन मंत्री ने तत्कालीन गुंटूर कलेक्टर कांतिलाल दांडे और तत्कालीन सीआरडीए आयुक्त चेरुकुरी श्रीधर के निष्कर्षो की अनदेखी की थी।सीआईडी ने रामकृष्ण हाउसिंग लिमिटेड के बैंक खातों के माध्यम से आरोपी से नारायण के परिवार के सदस्यों को अब तक 15 करोड़ रुपये के वित्तीय जाल का पता लगाने का दावा किया है।

सीआईडी के अनुसार, नारायण, जिनके पास श्रीमान के रूप में, टाउन लेआउट और इमारतों की अनुमति देने का अधिकार था, ने कथित तौर पर के.पी.वी. रामकृष्ण हाउसिंग लिमिटेड के निदेशक अंजनी कुमार को सौंपी गई जमीनों को बहुत कम कीमत पर खरीदने का आरोप है।पिछले हफ्ते हाई कोर्ट ने इनर रिंग रोड अलाइनमेंट और अमरावती कैपिटल सिटी मास्टर प्लान की आड़ में कथित भूमि सौदे के संबंध में सीआईडी द्वारा दर्ज मामले में नारायण को अग्रिम जमानत दे दी थी।

सीआईडी ने पहले टीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, पूर्व मंत्री नारायण और अन्य के खिलाफ मंगलागिरी के विधायक अल्ला रामकृष्ण रेड्डी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अमरावती आंतरिक रिंग में बदलाव के नाम पर भूमि सौदे हुए थे।सीआईडी ने इस मामले में नारायण, रीयल्टीर लिंगमनेनी रमेश, उनके भाई लिंगमनेनी वेंकट सूर्य राजशेखर, अंजनी कुमार और अन्य को आरोपी बनाया था।

 

 

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