पहले दी जाती मुनादी, फिर ढूंढते हैं नेटवर्क, बाद में बंटता है राशन
समस्या पहले दी जाती मुनादी, फिर ढूंढते हैं नेटवर्क, बाद में बंटता है राशन
कृष्णा चौधरी | कुरखेड़ा । राज्य सरकार ने आम नागरिकों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए कई प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की हंै। गरीब लोगों के लिए मुफ्त और कम दरों में राशन भी उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन इन दिनों तहसील के अधिकांश गांवों के नागरिकाें को अपने हक का राशन पाने के लिए भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दुकान धारक भी पीओएस प्रणाली के कारण त्रस्त दिखायी दे रहे हंै। लाभार्थी को राशन का वितरण करने से पूर्व पीओएस मशीन में संबंधित के अंगूठे के निशान लेना अनिवार्य है। इस प्रक्रिया के लिए इंटरेनट कनेक्टिविटी की जरूरत होती है। इस कारण दुकानों में राशन उपलब्ध होते ही दुकान धारक एक दिन पूर्व गांव में मुनादी देकर जिस स्थान पर अच्छी कनेक्टिविटी है उस स्थान पर अपनी दुकान लगाता है। अधिकांश गांवों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं होने से दुकान धारकों को सड़क पर लाभार्थियों को राशन का वितरण करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, समूचे गड़चिरोली जिले में राशन की कुल 1 हजार 196 दुकानें हैं। वहीं स्वयं सहायता बचत समूहों के माध्यम से अन्य 265 दुकानों के माध्यम से राशन के खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। जिले में पीला राशन कार्ड धारकों की संख्या 98 हजार 65 होकर बीपीएल के 32 हजार 532, एपीएल के 32 हजार 539 लाभार्थी हंै। इन सभी लाभार्थियों को उक्त दुकानों के माध्यम से ही प्रति माह मुफ्त और किफायती दरों के राशन का वितरण होता है। प्रति लाभार्थी परिवार को तय मानकों में चावल, गेहूं, दाल और अन्य खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जाता है। सरकार ने वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए सभी दुकान धारकों को पीओएस मशीनें उपलब्ध करवायी है। साथ ही सभी लाभार्थियों के राशन कार्ड को आधार कार्ड से संलग्नित भी किया गया है।
राशन का वितरण करने सर्वप्रथम लाभार्थी के अंगूठे के निशान लेने पड़ते हंै। इस प्रक्रिया के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता होती है। कुरखेड़ा तहसील के अधिकांश गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभाव है। दुकानों में राशन उपलब्ध होते ही दुकान धारक एक दिन पूर्व गांव में मुनादी देकर जिस स्थान पर अच्छी कनेक्टिविटी है उस स्थान पर अपनी दुकान लगाता है। तहसील के सोनपुर-अांधली गांव में िसतंबर माह का राशन वितरण करने गुरुवार को गांव की मुख्य सड़क पर ही दुकान शुरू की गयी।
इस दुकान में गांव के सभी कार्डधारक इकट्ठा हुए। इसके बाद दुकानदार ने एक के बाद एक सभी लाभार्थियों के अंगूठे के निशान लेकर उन्हें तय मानक के अनुसार राशन का वितरण किया। दुकान धारकों द्वारा इस तरह का कार्य प्रति माह किया जाता है। मूसलाधार बारिश के दिनों में यह कार्य संभव नहीं होने से लाभार्थियों समेत दुकान धारकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। गौरतलब है कि, दुकानों में राशन उपलब्ध होने के बाद भी कई दफा लाभार्थियों को राशन से वंचित भी रहना पड़ता है। इसी कारण पीओएस मशीन की प्रक्रिया को तत्काल रद्द करने की मांग अब कार्डधारकों द्वारा जोर पकड़ने लगी है।