बिहार में सूखे की आशंका, अब तक 23 फीसदी धान की रोपनी
बारिश से बिहार में सूखे की आशंका, अब तक 23 फीसदी धान की रोपनी
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में इस साल सूखे की आशंका उत्पन्न हो गई है। बिहार में सामान्य से अब तक करीब 50 प्रतिशत बारिश कम हुई है, वही बारिश नहीं होने के कारण धान की रोपनी काम हुई है। मुंगेर में तो रोपनी प्रारंभ तक नहीं हुई है। आंकड़ों पर गौर करे तो राज्य में अब तक मात्र 23 फीसदी ही धान की रोपनी हो पाई है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कृषि विभाग के अनुसार इस वर्ष धान की रोपनी का लक्ष्य 35,12,023 हेक्टेयर में है। इसके विरुद्ध मात्र 7,97,086 हेक्टेयर में रोपनी का ही लक्ष्य पाया जा सका है। आंकड़ों के अनुसार, 18 जुलाई तक 14 जिलों में 5 फीसदी से भी कम रोपनी हुई है जबकि चार जिले ऐसे हैं, जहां 5 से 8 फीसदी ही धान रोपनी हुई है। राज्य के सात जिले ऐसे हैं, जहां 15 से 20 फीसदी और 7 जिले में 21 से 46 प्रतिशत ही रोपनी हुई है। शेष 7 जिलों में 50 फीसदी से अधिक रोपनी हुई है। मुंगेर में तो रोपनी शुरू ही नहीं हुई है।
कहावत है कि सावन में जब पुरवइया चले तो खेती की उम्मीद कम रह जाती है। यह मसल बिहार में अभी चरितार्थ हो रहा है। कम वषार्पात के कारण बिहार गंभीर सूखे के आसन्न संकट से गुजर रहा है। कृषि विभाग से जारी धान की रोपनी के आंकड़ों के अनुसार राज्यभर में सोमवार यानी 18 जुलाई तक औसत 23 फीसदी ही रोपनी हो पाई है। हालत यह है कि 14 जिलों में 5 फीसदी से भी कम रोपनी हुई है। मुंगेर में तो रोपनी शुरू ही नहीं हुई है।
वहीं, इनमें सिर्फ दो जिलों पूर्णिया और पश्चिम चम्पारण में सर्वाधिक 81 फीसदी रोपनी हुई है। इस तरह देखें तो 31 जिलों में लक्ष्य के आधे से भी कम धान की रोपनी हुई है। बिहार का धान का कटोरा कहे जाने वाले रोहतास जिले में मात्र आठ प्रतिशत ही रोपनी हुई है। पिछले साल अबतक 55 से 60 प्रतिशत तक रोपनी हो चुकी थी। कैमूर में मात्र 2 प्रतिशत धान की रोपनी हो सकी है।बारिश नहीं होने का कारण खेतों में खड़े बिचड़े भी सूखने लगे हैं। कहा जा रहा है कि अगर सप्ताह पर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो बिहार को सूखे का सामना करना पड़ सकता है। कृषि विभाग अब सूखे की आशंका को लेकर जिला कृषि पदाधिकारियों की बैठक की है। इधर, मौसम विभाग ने एक दो दिनों में मानसून के सक्रिय होने की संभावना जताई है।
(आईएएनएस)
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