खेत में कृषि अपशिष्टों को नहीं जलायें किसान बंधु
पन्ना खेत में कृषि अपशिष्टों को नहीं जलायें किसान बंधु
डिजिटल डेस्क,पन्ना। खेत में गेहूं एवं अन्य फसलों के कृषि अपशिष्टों को जलाने से भूमि में उपलब्ध जैव विविधता समाप्त हो जाती है। भूमि में उपस्थित सूक्ष्म जीव जलकर नष्ट हो जाते है। सूक्ष्म जीवों के नष्ट होने के फलस्वरूप जैविक खाद का निर्माण बंद हो जाता है। भूमि की ऊपरी पर्त में ही पौधों के लिये आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध रहते हैं। आग लगाने के कारण पोषक तत्व जलकर नष्ट हो जाते हैं। भूमि कठोर हो जाती है। जिसके कारण भूमि की जल धारण क्षमता कम होने से फसलें सूखती हैं। खेत की सीमा पर लगे पेड पौधे भी जलकर नष्ट हो जाते हैं पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है। वातावरण के तापमान में वृद्धि होती है जिससे धरती गर्म होती है। कार्बन से नाईट्रोजन तथा फास्फोरस का अनुपात कम हो जाता है। केंचुए नष्ट हो जाते हैं इस कारण भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। नरवाई जलाने से जनधन की हानि भी होती है।