लकड़ियों के लिए जंगल गए किसान की बाघ के हमले में मृत्यु
गड़चिरोली लकड़ियों के लिए जंगल गए किसान की बाघ के हमले में मृत्यु
डिजिटल डेस्क, देसाईगंज (गड़चिरोली)। तहसील के देसाईगंज वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले जंगल में जलाऊ लकड़ियां तोड़ने गए एक किसान पर बाघ ने जानलेवा हमला कर दिया। हमले में किसान की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। जबकि मृतक के साथी घटनास्थल से भाग खड़े हुए। मृत किसान का नाम ग्राम कुरूड़ निवासी मधुकर मोतिराम मेश्राम (56) बताया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, तहसील के उसेगांव जंगल क्षेत्र के कक्ष क्रमांक 93 में गुरुवार की सुबह 8 बजे के दौरान कुरूड़ के नागरिक जलाऊ लकड़ियां तोड़ने के लिए गए थे। इस बीच सुबह 9 बजे के दौरान घने जंगलों में घात लगाए बैठे एक बाघ ने मधुकर पर हमला बोल दिया। हमले में मधुकर की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। घटना के दौरान मधुकर के साथी घटनास्थल से भाग खड़े हुए। घटना की जानकारी वनविभाग को देते ही वनविभाग की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर पंचनामा किया। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए ग्रामीण अस्पताल रवाना किया गया है। वनविभाग ने मृतक के परिजनों को 15 हजार रुपए की वित्तीय मदद दी। साथ ही सरकारी स्तर पर नुकसान मुआवजा दिलाने तत्काल अहवाल पेश करने का आश्वासन दिया। घटना से कुरूड़ समेत अन्य गांवों के नागरिकों में दहशत बनी हुई है।
तोहगांव में भी दो पर हमला, दोनों गंभीर घायल
चंद्रपुर जिले के गोंडपिपरी तहसील के वेजगांव में बाघ ने हमला कर दो लोगों को गंभीर रूप से घायल करने की घटना गुरुवार दोपहर 1 बजकर 50 मिनट के दौरान घटी। घायलों के नाम तोहोगांव निवासी शरद बोपनवार, विरूर निवासी सुरेश मत्ते बताए जाते हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वेजगांव, आर्वी, तोहोगांव, सरांडी परिसर में बाघ ने आतंक मचाकर रखा है। विगत कुछ दिनाें में 15 मवेशियों को अपना निवाला बनाया था। उसके बाद परिसर के नागरिकाें को दिनदहाड़े बाघ के दर्शन हो रहे थे। जिससे लोगों में भारी दहशत है। ऐसे में गुरुवार को दोपहर 1 बजे के दौरान वेजगांव परिसर में बाघ दिखा। बाघ को देखने के लिए नागरिकों ने बड़े संख्या में भीड़ जुटाई थी। इसी दरम्यान बाघ ने शरद बोपनवार, सुरेश मत्ते इन दो लोगाें पर हमला कर घायल कर दिया। दोनों की हालत गंभीर होने से राजुरा ग्रामीण अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल किया गया। पिछले कुछ दिनों से तोहोगांव, आर्वी, वेजगांव परिसर में बाघ ने उत्पात मचाने के बावजूद वनविभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। बाघ ने हमला करने के बाद पुलिस व वनविभाग को घटना की जानकारी दी गई। बाघ को पिजराबंद करने के लिए 3 िपंजरे परिसर में लगाने की जानकारी वनविभाग के सूत्रों से मिली है। बाघ का तत्काल बंदोबस्त करें अन्यथा आंदोलन करने की चेतावनी ग्रामीणों ने दी है।