बहुचर्चित फ्लाई कैचर्स घोटाला: शाखा प्रबंधक समेत 3 को तीन साल की सजा

सतना बहुचर्चित फ्लाई कैचर्स घोटाला: शाखा प्रबंधक समेत 3 को तीन साल की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-24 09:58 GMT
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डिजिटल डेस्क, सतना। नगर निगम में वर्ष 2006 में हुए 11 लाख रुपए के बहुचर्चित फ्लाई कैचर्स घोटाले में विशेष अदालत ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक, उप पंजीयक सहकारी संस्थान और सप्लायर को तीन साल के कारावास की सजा से दंडित किया है। पीसी एक्ट के स्पेशल जज एके द्विवेदी की कोर्ट ने आरोपी तत्कालीन शाखा प्रबंधक मप्र राज्य सहकारी बैंक मर्यादित शाखा सीधी प्रदीप कुमार वासल पिता सुखचैन वासल निवासी जबलपुर, तत्कालीन उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं सीधी राधेश्याम अहिरवार पिता हल्का अहिरवार निवासी छतरपुर और सप्लायर राजू राठौर पिता मांगीलाल राठौर निवासी इंदौर, पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

ये है मामला ---

नगर निगम में हुए इस बहुचर्चित घोटाले की शिकायत लोकायुक्त थाने को प्राप्त हुई, जिसे शिकायत क्रमांक 46/6 दर्ज किया गया है। शिकायत के सत्यापन के दौरान लोकायुक्त को पता चला कि राज्य सहकारी उपभोक्ता भंडार इंदौर की एक फर्जी मूल्य सूची उपलब्ध कराई जाकर 431 रुपए प्रति नग फ्लाई कैचर्स के हिसाब से 25 सौ नग फ्लाई कैचर्स खरीदी का प्रस्ताव नगर निगम के भंडार शाखा से तैयार किया गया है। राज्य उपभोक्ता सहकारी संघ जिला कार्यालय सीधी के प्रबंधक ने मेसर्स वरूण कार्पोरेट इंदौर के प्रोपाइटर राजू राठौर के बीच 22 जुलाई 2005 को सप्लाई का अनुबंध किया गया, जबकि फ्लाई कैचर्स की सप्लाई पूर्व में ही ले ली गई और भुगतान भी पूर्व में कर दिया गया। 89 रुपए प्रति नग के हिसाब से 2 लाख 22 हजार 5 सौ रुपए का भुगतान होना था, लेकिन 11 लाख 76 हजार 630 रुपए का भुगतान कर 9 लाख 54 हजार 130 रुपए की राजस्व क्षति की गई। इसके साथ ही वाणिज्य कर के मद में 99 हजार 130 रुपए का भुगतान भी किया गया।

इन पर दर्ज हुआ मामला ---

शिकायत सत्यापन के बाद प्रथम दृष्टया भादवि की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी और 13 (1) डी, 13 (2) का प्रकरण तत्कालीन आयुक्त नगर निगम सतना एनपी नामदेव, अंकेक्षक नगर निगम सतना उदयभान बहेलिया, प्रबंधक राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ मर्यादित सीधी पीआर त्रिपाठी, तत्कालीन शाखा प्रबंधक सीधी प्रदीप कुमार वासल, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं सीधी राधेश्याम अहिरवार और सप्लायर राजू राठौर के विरूद्ध लोकायुक्त ने 10 नवंबर 2008 को दर्ज किया और विवेचना के बाद आरोप पत्र अदालत में पेश किया। दौरान विचारण प्रकरण के आरोपी पीआर त्रिपाठी की मौत हो गई।

420 और 120बी में सजा ---

अदालत ने मामले में प्रस्तुत साक्ष्य और प्रकरण का सूक्ष्म परिशीलन कर तत्कालीन आयुक्त एनपी नामदेव और अंकेक्षक नगर निगम सतना को मामले में दोषमुक्त कर दिया। दोषमुक्त आरोपी की ओर से अधिवक्ता ऋषभदेव सिंह ने पक्ष रखा। वहीं अदालत ने भादवि की धारा 420 और 120बी का अपराध साबित पाए जाने पर प्रदीप कुमार वासल, राधेश्याम अहिरवार और सप्लायर राजू राठौर को दोनों धाराओं पर 3-3 साल के कारावास और 10-10 हजार के जुर्माने से दंडित किया है।

इनका कहना है ---

अभी फैसले की प्रति नहीं मिली है। निर्णय से अभियोजन संतुष्ट नहीं है। निर्णय का अवलोकन करने के बाद अभियोजन अपील दाखिल करेगा।
फखरुद्दीन, विशेष लोक अभियोजक

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