आर्थिक रूप से कमजोर वकीलों के लिए बढ़ाया मदद का हाथ
आर्थिक रूप से कमजोर वकीलों के लिए बढ़ाया मदद का हाथ
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना के प्रभाव के चलते नागपुर में अदालतों और संबंधित क्षेत्रों का कामकाज सुस्त पड़ गया है। इसका सबसे बुरा प्रभाव उन वकीलों पर पड़ा है जो रोज कमा कर अपनी आजीविका चलाते हैं। ऐसे वकीलों की मदद के लिए उनके साथी वकीलों ने डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के साथ मिल कर मदद का हाथ बढ़ाया है। सक्षम वकीलों ने चंदा जमा करके 4 लाख रुपए जुटाए हैं, इसमें डीबीए ने 2 लाख रुपए डाले हैं। इस रकम से देढ़ लाख रुपए प्रधानमंत्री राहत कोष में दिए गए हैं। डीबीए पदाधिकारियों ने हाल ही मे जिलाधिकारी रवींद्र ठाकरे से मिल कर चेक सौंपा है। इसके अलावा डीबीए ने यह रकम आर्थिक रूप से कमजोर वकीलों के लिए इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है।
डीबीए 100 वकीलों के बैंक खातों में 2-2 हजार रुपए डालेगा। इसके अलावा डीबीए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिख कर वकीलों को 20 हजार रुपए का ब्याज मुक्त कर्ज 2 वर्ष के लिए जारी करने की विनती करेगा। साथ ही आयकर विभाग को भी ज्ञापन सौंप कर वकीलों को प्रोफेशनल टैक्स भरने के लिए 2 वर्ष का अतिरिक्त समय देने की मांग की जाएगी। डीबीए ने अपने सदस्यों के लिए मार्च और अप्रैल माह की सबस्क्रिप्शन फीस भरना स्वेच्छिक किया है। इस संबंध में हाल ही में डीबीए की बैठक हुई। जिसमें कई अहम प्रस्ताव पारित किए गए।
जरुरत पड़ने पर डीबीए वकीलों को 10 हजार रुपए तक की मदद भी करेगा। डीबीए अध्यक्ष एड.कमल सतुजा और एड.नितीन देशमुख ने बताया कि जिला न्यायालय में अर्जेंट मामलों की सुनवाई में जुटे कोर्ट के जजों, वकीलों और अन्य स्टाफ की सुरक्षा की दृष्टि से इमारत के सैनेटाईजेशन का भी निर्णय लिया गया है। वहीं नागपुर पुलिस आयुक्त को पत्र लिख कर अर्जेंट मामलों की सुनवाई के लिए जा रहे वकीलों को कर्फ्यू से छूट देने की मांग की जाएगी।