गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या नहीं हो - मुख्यमंत्री श्री चौहान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की स्थिति की समीक्षा!
गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या नहीं हो - मुख्यमंत्री श्री चौहान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की स्थिति की समीक्षा!
डिजिटल डेस्क | श्योपुर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसी भी नगरीय निकाय तथा पंचायत क्षेत्र में ग्रीष्म काल में पेयजल की समस्या नहीं आना चाहिए। जिन स्थानों पर जल-स्तर नीचे जाने के कारण हैण्ड पम्प नहीं चल रहे हैं, उन्हें चिन्हित कर वहाँ तत्काल बोरिंग की जाये। जिन नगरीय निकायों में पेयजल की समस्या है वहाँ आवश्यक वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की स्थिति की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री ब्रजेन्द्र सिंह यादव, बैठक में ऑनलाइन सम्मिलित हुए।
मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगरीय एवं आवास तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अधिकारी मंत्रालय में सम्पन्न बैठक में उपस्थित थे। जल जीवन मिशन की सभी परियोजनाएँ शीघ्र पूर्ण हों मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि जिन नगरीय निकायों में जल प्रदाय एक या एक से अधिक दिन के अंतराल से हो रहा है वहाँ जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्राथमिकता के आधार पर परियोजनाएँ क्रियान्वित की जायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जल जीवन मिशन में बुरहानपुर और निवाड़ी में स्वीकृत परियोजनाओं की स्थिति की जानकारी ली और इन योजनाओं सहित मिशन में स्वीकृत सभी परियोजनाओं को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिये।
95 प्रतिशत से अधिक हैण्ड पम्प चालू बैठक में बताया गया कि प्रदेश में स्थापित 5 लाख 54 हजार 25 हैण्ड पम्पों में से 95 प्रतिशत से अधिक हैण्ड पम्प चालू हैं। जल स्तर नीचे जाने के कारण 20 हजार 580 हैण्ड पम्पों मंह समस्या है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित 16 हजार 561 नल-जल योजनाओं में से 15 हजार 630 योजनाएँ संचालित हैं। अन्य स्थानों पर पेयजल के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। प्रदेश के 407 नगरीय निकायों में से 351 में प्रतिदिन और 56 में एक दिन छोड़कर जल प्रदाय किया जा रहा है। सभी जिलों में हैण्ड पम्प सुधार के लिए शिकायत निवारण प्रकोष्ठ बनाये गये हैं। समस्याग्रस्त नगरीय क्षेत्रों में जल प्रदाय के लिए तात्कालिक राहत के साथ दीर्घकालीन योजनाओं पर कार्य जारी है।