विश्व की सबसे बड़ी श्रीरामचरित मानस लिखने के लिए डा. अरुण खोबरे को मिला ‘संतश्री भूरा भगत रत्न सम्मान’

मध्यप्रदेश विश्व की सबसे बड़ी श्रीरामचरित मानस लिखने के लिए डा. अरुण खोबरे को मिला ‘संतश्री भूरा भगत रत्न सम्मान’

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-12 18:52 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एवं कवि डा. अरुण खोबरे को जबलपुर में ‘संतश्री भूरा भगत रत्न सम्मान’ से सम्मानित किया गया। प्रसिद्ध संत भूरा भगत जी की जयंती पर उनके नाम से स्थापित महासंघअखिल भारतीय कतिया समाज महासंघ द्वारा प्रसिद्ध संत भूरा भगत जी की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह सम्मान दिया गया । जबलपुर ग्वारीघाट के संत भूरा भगत चौक (रेतघाट) में हुए भव्य आयोजन में उन्हें सम्मानित किया गया।

डॉ खोबरे को यह सम्‍मान विश्व की सबसे बड़ी श्रीरामचरित मानस लिखने के लिए दिया गया है।  कार्यक्रम में आमंत्रित डा. खोबरे विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए थे।  इस  सम्मान के मिलने के बाद उन्होंने महासंघ का धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय हनुमान जी को देते बताया कि उनकी कृपा से ही वह  यह महान कार्य कर पाएं हैं ।  साथ ही उन्होंने महादेव के अनन्य भक्त और भक्तिकालीन युग के प्रमुख संत श्री भूरा भगत की प्रशंसा करते हुए उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने की बात कही।

रिकार्ड बुक में भी दर्ज है नाम

बता दें मूलत: छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले डा. अरुण खोबरे को करीब तीन दर्जन से ज्यादा पुरस्कार मिल चुके है। उन्होंने भोपाल में 149 दिनों में 6333 पन्नों में 170 किलो की गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरित मानस लिखी है, जिसका नाम विश्व की चार रिकार्ड बुक्स में दर्ज हो चुका है। विश्व रिकार्डधारी कवि डा. अरुण कुमार अज्ञानी ने बताया कि उनकी आगामी योजना श्रीरामचरितमानस को भोपाल से रथयात्रा के द्वारा  काशी एवं अयोध्या लेकर जाएंगे। सम्मान कार्यक्रम में महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच.एस.महले , राष्ट्रीय प्रवक्ता पी.एल. भोर, दिलीप भोर, डॉ. नवीन शिववेदी, ठाकुर प्रसाद नागेश, वीके गौतम आदि उपस्थित थे।

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