चंबल नदी पार कर रहे श्रृद्धालुओं पर मगरमच्छ का जानलेवा हमला, 17 में से 8 बहे, 2 के शव बरामद, 6 लापता, कुछ के शरीर पर दिखे नुकीले दांतों के निशान, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

दर्दनाक हादसा चंबल नदी पार कर रहे श्रृद्धालुओं पर मगरमच्छ का जानलेवा हमला, 17 में से 8 बहे, 2 के शव बरामद, 6 लापता, कुछ के शरीर पर दिखे नुकीले दांतों के निशान, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-18 08:43 GMT
चंबल नदी पार कर रहे श्रृद्धालुओं पर मगरमच्छ का जानलेवा हमला, 17 में से 8 बहे, 2 के शव बरामद, 6 लापता, कुछ के शरीर पर दिखे नुकीले दांतों के निशान, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के मुरैना से एक दर्दनाक घटना घटित हुई है। यहां चंबल नदी पार कर रहे 17 लोग बीच नदी में बह गए। जिनमें से 2 की मौत हो चुकी है जबकि 6 लापता हैं। वहीं 9 लोगों को अब तक सुरक्षित निकाला जा चुका है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच चुकी है। बचाव कार्य जारी है। हादसे पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताया है। साथ ही सीएमओ और जिला प्रशासन को रेसक्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए हैं। एसडीआरएफ की टीम भी हादसास्थल पर पहुंच रही है। स्थानीय गोताखोरो के सहायता से नदी में बहे लोगों की तलाश की जा रही है। 

यह है पूरा मामला

घटना मुरैला जिले के ट्रेटा थानातर्गत आने वाले चंबल नदी के रोधई घाट की है, जो कि राजस्थान की सीमा से सटा हुआ है। यहां से शिवपुरी जिले के जिलापद गांव के 17 लोग चंबल नदी के दूसरे किनारे स्थित राजस्थान में कैला देवी मंदिर दर्शन करने जा रहे थे। टेंटरा थाने के टीआई धर्मेंद मालवीय ने बताया कि सभी श्रृद्धालु एक-दूसरे का हाथ पकड़कर नदी पार कर रहे थे। तभी एक मगरमच्छ ने इन पर हमला कर दिया। हमला होते ही लोगों में भगदड़ मच गई। खुद को बचाने की कोशिश में श्रृद्धालु बह गए। 

वहीं एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि नदी में जहां पानी कम था, वहां से सभी पार कर रहे थे। इतने में मगरमच्छ ने हमला कर दिया। इससे भगदड़ मच गई और कुछ लोग गहरे पानी में चले गए। ​​​​​​बता दें कि शुरुआत में यह जानकारी आई थी कि नाव पलटने से हादसा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, जो दो शव अभी तक बरामद हुए हैं उनके शरीर पर मगरमच्छ के दांतों के निशान पाए गए हैं। बता दें कि जिस जगह पर यह हादसा हुआ वहां न तो पुल है और न ही नाव की व्यवस्था है लोग तैरकर या फिर उथली जगह से पैदल ही नदी पार करते हैं। 

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