भाजपा के लिए एंटी इनकमबेंसी से निपटना होगा बड़ी चुनौती, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के नतीजों का भी पड़ेगा असर

मध्य प्रदेश भाजपा के लिए एंटी इनकमबेंसी से निपटना होगा बड़ी चुनौती, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के नतीजों का भी पड़ेगा असर

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-12 11:10 GMT
भाजपा के लिए एंटी इनकमबेंसी से निपटना होगा बड़ी चुनौती, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के नतीजों का भी पड़ेगा असर

डिजिटल डेस्क, शहडोल। गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की अब तक की सबसे बड़ी जीत के बाद गुजरात फार्मूले पर अमल हुआ तो संभाग में शहडोल के साथ ही अनूपपुर व उमरिया में मंत्री से लेकर विधायकों के टिकट कट सकते हैं। नए चेहरों को मौका मिल सकता है। शहडोल संभाग की 8 विधानसभा सीट पर एंटी इनकमबेंसी से निपटना भी बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए सत्ता और संगठन स्तर पर बड़े बदलाव की सुगबुगाहट है। इसके लिए कुछ माह पहले ही सर्वे भी हो चुका है। पार्टी के पदाधिकारी बताते हैं कि सर्वे में बूथ स्तर तक पार्टी के प्रभाव और संगठनात्मक सक्रियता की जानकारी मांगी गई थी।

एक मंत्री एक विधायक हो जाएंगे 70 पार

बिसाहू लाल सिंह मंत्री विधानसभा अनूपपुर, 73 साल दो माह

अनूपपुर जिला पंचायत में हुए अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस पार्टी समर्थित प्रीति रमेश सिंह ने जीत दर्ज की। प्रदेश शासन के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह की पुत्रवधू बॉबी कुंवर सिंह वार्ड 10 से जनपद सदस्य का चुनाव हार गईं।

जयसिंह मरावी विधायक जयसिंहनगर

71 साल 9 माह  

नगरपालिका शहडोल के साथ ही नगर परिषद जयसिंहनगर में कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। शहडोल में भाजपा के ज्यादा पार्षद निर्वाचित होने के बाद भी पार्टी को अध्यक्ष चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। 

उमरिया में भी बदलाव की सुगबुगाहट

उमरिया नगर पालिका में हुए चुनाव में कुछ माह पहले ही कांग्रेस ने जीत दर्ज की। भाजपा के बांधवगढ़ विधानसभा से विधायक शिवनारायण सिंह के विधानसभा में कांग्रेस की जीत के बाद ही जिलाध्यक्ष बदलने की चर्चा तेज हो गई थी। उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा से जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह के विधानसभा क्षेत्र मानपुर में हुए नगर परिषद चुनाव में मतदान से एक रात पहले हुए विवाद से लेकर अध्यक्ष के लिए 8 पार्षदों का समर्थन जुटाने के लिए कड़ी मशक्कत भी चर्चाओं में रही है।

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