बैंक में हंगामा करने वाले को मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 हजार जमा करने की शर्त पर मिली जमानत
बैंक में हंगामा करने वाले को मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 हजार जमा करने की शर्त पर मिली जमानत
डिजिटल डेस्क,मुंबई। बैंक के कामकाज की अवधि खत्म होने के बाद उसका दरवाजा तोड़ना एक शख्स को महंगा पड़ा है। आरोपी शख्स को इस मामले में न सिर्फ गिरफ्तारी से बचने के लिए बांबे हाईकोर्ट से 20 हजार रुपए के मुचलके पर अग्रिम जमानत लेनी पड़ी बल्कि दो सप्ताह में दस हजार रुपए कोरोना से लडाई के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में भी जमा करना पड़ेगा। दरअसल आरोपी अजित देवले बैंक आफ इंडिया की एक शाखा में चार बजकर दस मिनट पर पहुंचे थे। जबकि कोरोना काल में कामकाज को लेकर जारी दिशा-निर्देशों के तहत बैंक फिलहाल शाम चार बजे तक काम करते हैं। इसके मद्देनजर बैंक ने अपना शटर बंद कर लिया था। जो ग्राहक पहले से बैंक के भीतर थे। सिर्फ उनका काम हो रहा था।
बैंक का आधे से ज्यादा शटर बंद होने के बावजूद आरोपी देवले ने बैंक का शटर जोर-जोर से ठोकना शुरू कर दिया। इससे बैंक का कांच वाला दरवाजा टूट गया। इस दौरान उसने बैंक के चपरासी से गालीगलौच भी की। जिसे देखते हुए बैंक के शाखा अधिकारी ने सांगोला पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353, 504, 506 के अलावा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकनेवाले कानून की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया। मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आरोपी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन दायर किया।
न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी के वकील राहुल कदम ने कहा कि उनके मुवक्किल को अपने कृत्य को लेकर खेद है। लेकिन उन्हें अपने एक परिजन के इलाज के लिए पैसों की जरुरत थी। मेरे मुवक्किल का इरादा बैंक को नुकसान पहुंचाना नहीं था। मेरे मुवक्किल को इसकी जानकारी नहीं थी कि बैंक सिर्फ शाम चार बजे तक खुले रहते हैं। मेरे मुवक्किल कोविड के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में दस हजार रुपए जमा करने को भी तैयार है। इन दलीलों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि इस मामले में आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरुर नजर नहीं आती है। इसलिए उसे 20 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी जाती है और दो सप्ताह के भीतर कोरोना से लड़ने के लिए बनाए गए मुख्यमंत्री कोष में दस हजार रुपए जमा करने व सबूतों के साछ छेड़छाड़ न करने का निर्देश दिया जाता है।