ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में कल आएगा कोर्ट का फैसला,सुरक्षा को लेकर प्रशासन अलर्ट,कमिश्नरेट में धारा-144 लागू
उत्तरप्रदेश ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में कल आएगा कोर्ट का फैसला,सुरक्षा को लेकर प्रशासन अलर्ट,कमिश्नरेट में धारा-144 लागू
डिजिटल डेस्क,लखनऊ। वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस का कल 12 सितंबर को फैसला आएगा। अदालत में फैसला सुनाए जाने के पहले ही यहां का जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है।आज वाराणसी कमिश्नरेट की सुरक्षा समीक्षा को लेकर बैठक की गई। जिसमें कानून व्यवस्था को लेकर आने वाले चुनौतियों से निपटने और तैयारियों को लेकर चर्चा हुई। वाराणसी की जिला अदालत ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में मुकदमे की पोषणीयता अर्थात यह मुकदमा कोर्ट में चलने योग्य है या नहीं, इसी बात पर फैसला सुनाएगी। बता दें पूरे कमिश्नरेट एरिया में धारा-144 लगा दी गई है। बैठक में सभी धर्मगुरुओं एवं महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ संवाद करने के निर्देश भी दिए गए हैं। वहीं संवेदनशील इलाकों में एरिया डॉमिनेशन के तहत फ्लैग मार्च और फुट पेट्रोलिंग के करने के निर्देश दिए गए हैं।
सुरक्षा !
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले की चर्चा पूरे देश में है। यहीं वजह है कि इस मामले को लेकर वराणसी में पूरी तरह से सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। इंटर डिस्ट्रिक्ट बॉर्डर्स पर चेकिंग और अलर्टनेस बढ़ा दी गई है। यही नहीं यहां प्रशासन ने होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस में भी चेकिंग अभियान चलाया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या है पूरा मामला ?
बता दें ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद मामले में अदालत ने 12 सितंबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो चुकी है। यहां के काशी विश्वनाथ मंदिर एंव ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर करीब आधा दर्जन से ज्यादा मुकदमे विभिन्न कोर्ट में लंबित हैं।
इस मामले में तत्कालीन सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने सर्वे का आदेश जारी किया था। इसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर का सर्वे किया गया था। इसी सर्वे के बाद मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग के होने का दावा किया गया. वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया। इस मामले में विवाद इतना बढ़ गया कि सर्वे के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया कमेटी सुप्रीम कोर्ट चली गई।
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में तत्कालीन सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने सर्वे कराने के आदेश जारी किया था। कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पर सर्वे का काम किया गया था। सर्वे में ही मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग होने का दावा किया गया। वहीं दूसरे पक्ष ने इसे फव्वारा बताया। इसके बाद से ही यह मामला इतना बढ़ गया कि सर्वे को गलत ठहराते हुए इंतेजामिया कमेटी सुप्रीम कोर्ट चली गई।