कोर्ट ने कहा- बच्ची को रटाया गया बयान नहीं चलेगा
आरोपी बरी कोर्ट ने कहा- बच्ची को रटाया गया बयान नहीं चलेगा
डिजिटल डेस्क,नागपुर। एक साढ़े चार वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने ठोस सबूतों के अभाव में निर्दोष बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने अमरावती सत्र न्यायालय के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसके तहत निचली अदालत ने आरोपी किसनलाल सीताराम पवार (74, नि. अमरावती) को विनयभंग का दोषी करार देकर 1 वर्ष की जेल और 1000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।
ठोस सबूत टटोलने थे : हाईकोर्ट ने अपने फैसले में आरोपी के वकील की दलीलों को सही करार दिया है। आरोपी के वकील ने हाईकोर्ट में दलील दी कि सत्र न्यायालय के फैसले में कई कानूनी खामियां हैं। इस मामले में न तो मेडिकल सबूत है और न ही पीड़िता के अलावा किसी और का बयान है। केवल एक छोटी बच्ची की गवाही के आधार पर आरोपी को कारावास में भेजना सही नहीं है। हाईकोर्ट ने भी माना कि साढ़े चार वर्ष की बच्ची के दिए गए बयान पर आंख मूंद कर विश्वास कर लेना सही नहीं होगा। इस बात की पूरी संभावना है कि उसकी मां या किसी और ने उसे कुछ बातें रटाई हो। हाईकोर्ट ने साफ कहा कि सत्र न्यायालय को इतनी बेबाकी के साथ बच्ची के बयान पर विश्वास नहीं करना चाहिए था। उलट उससे कुछ प्रश्न पूछ कर रिकॉर्ड पर लेने चाहिए थे, ताकि वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सके।
यह है मामला : यह घटना 30 अक्टूबर 2011 की है। आरोपी ने अपने पड़ोसी में ही रहने वाली बच्ची को अकेला पर कर उसका फायदा उठाने की कोशिश की थी। आरोपी की पत्नी ने ही पीड़िता के परिजनों को इस घटना की जानकारी दी थी, जिसके बाद आरोपी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया गया था।