नागपुर शहर में 12 साल बाद हो रही पेड़ों की गणना
262 वर्ष पुराने पीपल के पेड़ की पूजा से शुरुआत नागपुर शहर में 12 साल बाद हो रही पेड़ों की गणना
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा के उद्यान विभाग ने शहर में पेड़ों के गणना की शुरुआत की है। इससे पहले साल 2011 में गणना की गई थी। दरअसल, हर पांच साल में पेड़ों की गणना करने का नियम है। मनपा की आर्थिक स्थिति खराब रहने से निधि के अभाव में 12 साल बाद गणना का काम हाथ में लिया गया है। 11 महीने में काम पूरा होने का अनुमान है।
पेड़ों को मिलेगी यूनिक आईडी
पेड़ों की गुणना की शुरुआत धर्मादाय आयुक्त कार्यालय के पास चिटणवीस की जमीन पर 262 साल पुराने पीपल के पेड़ की पूजा से की गई। मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. के हस्ते पेड़ का पूजन किया गया। जीआईएस व जीपीएस पद्धति से पेड़ों की गणना की जा रही है। गणना दौरान पेड़ों को यूनिक आईडी दी जाएगी, जिससे पेड़ को स्वतंत्र पहचान मिलेगी।
हेरिटेज पेड़ की अलग से जानकारी
पेड़ों की गणना में हेरिटेज पेड़ों की अलग से पब्लिक डोमेन में जानकारी उपलब्ध की जाएगी। पेड़ की प्रजाति, संख्या, अनुमानित आयु, छायाचित्र आदि जानकारी का समावेश रहेगा।
पेड़ों की अनुमानित संख्या 25 लाख
साल 2011 में पहली बार पेड़ों की गणना हुई। उस समय शहर में 21 लाख, 43 हजार 838 पेड़ों की गिनती की गई थी। इस समय 25 लाख पेड़ों का अनुमान है।
साढ़े पांच करोड़ रुपए होंगे खर्च
पेड़ों की गणना पर मनपा के साढ़े पांच करोड़ रुपए खर्च होंगे। गणना का ठेका टेराकॉन इकोटेक प्रा. लिमिटेड कंपनी को दिया गया है। 11 महीने में ठेका कंपनी को काम पूरा करने की अवधि दी गई है। पर्यावरण का संतुलन कायम रखने में पेड़ों की अहम भूमिका है। शहर का पर्यावरण पूरक विकास साधने के लिए पेड़ों का संवर्धन करने का मनपा आयुक्त तथा प्रशासक राधाकृष्णन बी. ने नागरिकों से आह्वान किया। पेड़ की गणना के शुभारंभ कार्यक्रम में मनपा अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी, मनपा उद्यान अधीक्षक अमोल चौरपगार, सहायक आयुक्त प्रकाश वराडे, उप-अभियंता सुनील गजभिये, पंडित उकेबांते, संजय गुजर, टेराकॉन इकोटेक प्रा. लिमिटेड प्रमुख अशोक जैन आदि उपस्थित थे।