जनपद सीईओ और जपं अध्यक्ष के जेठ के बीच हुआ विवाद, थाने में घंटों चली बैठक के बाद हो गई सुलह
छिंदवाड़ा जनपद सीईओ और जपं अध्यक्ष के जेठ के बीच हुआ विवाद, थाने में घंटों चली बैठक के बाद हो गई सुलह
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/हर्रई। जनपद पंचायत हर्रई सीईओ सफी कुरैशी और जनपद अध्यक्ष के जेठ रामजी उईके के बीच विवाद हो गया। घटना शुक्रवार दोपहर की बताई जा रही है जहां जनपद कार्यालय में सीईओ के चैम्बर में पहुंचे रामजी उईके एक महिला को कर्मकार मंडल के तहत मिलने वाली योजना का लाभ नहीं मिलने से नाराज हो गए। बताया जा रहा है इस दौरान विवाद की स्थिति बन गई और दोनों ओर से गाली-गलौच तक की नौबत बन गई थी।
शुक्रवार दोपहर को हुई इस घटना के बाद मामला थाने तक पहुंच गया। घटना की सूचना मिलने के बाद इस बीच कांग्रेस के पदाधिकारी भी थाने पहुंच गए थे। वहीं कुछ देर के लिए जनपद कार्यालय में भी ताला लग गया था। दोनों ही पक्षों के बीच थाने में घंटों चली बैठक के बाद मामले में देर रात सुलह हो गई। बताया जा रहा है कि थाने में जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौरा चला जहां कई बार स्थिति बिगड़ी थी। मामले को देखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार, एसडीओपी, एसडीएम और तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी पहुंच गए थे।
जनपद सीईओ का कहना, मामला भोपाल में लंबित
इस पूरे मामले में जनपद सीईओ शफी कुरैशी का कहना है कि शुक्रवार दोपहर को रामजी उईके जो जनपद अध्यक्ष के रिश्तेदार है आए थे। एक महिला का कर्मकार मंडल का प्रकरण है जिसका हमारी ओर से निराकरण हो गया है और वरिष्ठ कार्यालय में कार्रवाई के लिए भेजा गया है। शुक्रवार को रामजी उईके इसी प्रकरण के लिए पहुंचे थे जहां उन्होंने अभद्रता की।
लगातार हितग्राहियों को कर रहे अधिकारी
हर्रई ब्लाक कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष रामजी उईके का कहना है कि महिला हितग्राही लंबे समय से परेशान हो रही थी। संबल योजना की जानकारी मांग रहे थे लेकिन सीईओ ने अपशब्द कहा। मेरी ओर से सिर्फ निवेदन किया गया है।
इनका कहना है
अमरवाड़ा के एसडीओपी रविन्द्र मिश्रा ने कहा कि जनपद सीईओ और रामजी उईके ने एक दूसरे के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत की है जिसकी जांच की जा रही है। हालांकि बाद में दोनों के बीच आपसी समन्वय बन गया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार ने कहा कि जनपद सीईओ और हर्रई ब्लाक कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष रामजी उईके के बीच कर्मकार मंडल की योजना को लेकर तू-तू मैं-मैं हुई थी। कोई बड़ा मामला नहीं है आपसी सुलह हो गई है।