कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन से पहले सीजी कांग्रेस में ‘शीत युद्ध’

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन से पहले सीजी कांग्रेस में ‘शीत युद्ध’

Bhaskar Hindi
Update: 2023-02-16 14:28 GMT
कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन से पहले सीजी कांग्रेस में ‘शीत युद्ध’

डिजिटल डेस्क, रायपुर। इस महीने राजधानी रायपुर में होने जा रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की जारे-शोर से चल रही तैयारियों के बीच सीजी (छत्तीसगढ़) कांग्रेस के नेताओं में शीत युद्ध छिड़ गया है। ताजा विवाद महाधिवेशन को लेकर किये जा रहे प्रचार का है। दरअसल रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने पूरे शहर और महाधिवेशन स्थल की ओर जाने वाली सडक़ को प्रचार सामग्री से पाट दिया गया है। शुरूआत में जो पोस्टर्स लगाए गए उनसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का फोटो तो छोडि़ए नाम तक नदारद था।

मरकाम समर्थकों ने इसे लेकर जब बड़े नेताओं के सामने विरोध दर्ज कराना शुरू किया तो मरकाम की फोटो को प्रचार सामग्री पर अलग से चिपकाया गया। बावजूद इसके हालात नहीं संभले। शीत युद्ध शुरू हुआ मरकाम के निर्देश पर प्रभारी संगठन महामंत्री रवि घोष के प्रचार सामग्री हटाने संबंधी जारी पत्र से। इस पत्र में यह तक कहा गया कि ‘जो प्रचार सामग्री लग गई है उसे हटा लेना ठीक होगा, अन्यथा उसे हटा दिया जाएगा।’

विवाद की जड़ में बहुत कुछ छिपा है

पार्टी सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले खुल कर सामने आई अंतर्कलह व विवाद की जड़ में बहुत कुछ छिपा है। इससे पहले एआईसीसी की अनुशासन समिति मरकाम के करीबी प्रदेश कांग्रेस महामंत्री अमरजीत चावला तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम को नोटिस जारी कर चुकी है। इन दोनों पर कार्यालय में बैठकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी करने तथा , मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ निंदा अभियान में लगातार शामिल रहने का आरोप है। चावला पर नये आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने की स्थिति में पार्टी लाइन का समर्थन नहीं करने तथा खुले तौर पर राज्यपाल के रुख का समर्थन करने का भी आरोप है।

अरविंद नेताम पर भी यह आरोप है कि उन्होंने सर्व आदिवासी समाज नाम का संगठन बनाया है जो खुले रूप से कांग्रेस सरकार विरोधी कार्यक्रमों में शामिल है। यहां यह उल्लेख करना भी जरूरी है कि नोटिस की जद में आए कांग्रेस के दोनो नेता चावला तथा नेताम महाअधिवेशन की स्वागत समिति में भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, शीत युद्ध का आगाज ही इन दोनों का नाम स्वागत समिति में आने के बाद शुरू हुआ। सूत्र यह भी दावा करते हैं कि यह अंतर्कलह अभी फूट कर सामने आएगी।

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