छग में नयी खदानों से सड़क के जरिए नहीं ले जाया जा सकेगा कोयला
चुनौती छग में नयी खदानों से सड़क के जरिए नहीं ले जाया जा सकेगा कोयला
भास्कर ब्यूरो, रायपुर। छत्तीसगढ़ में आ रही 28 नई कोयला खदानों से कोयले की ट्रांसपोर्टिंग बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि सरकार ने अब सड़क मार्ग से इस पर बैन लगाने का निर्णय ले लिया है। इन खदानों से कोल की ट्रांसपोर्टिंग रेल या फिर कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से ही करनी होगी। इसकी शुरुआत सूबे के रायगढ़ जिले से कर दी गई है। कोयला मंत्रालय ने कोल ब्लॉक्स के लिए छठे चरण की नीलामी की घोषणा की है। जिसकी प्रक्रिया इस जनवरी माह के अंत तक पूरी कर ली जाएगी।
छठे चरण में देश के 11 राज्यों में 141 कोल ब्लॉक्स की नीलामी होगी, उनमें 28 छत्तीसगढ़ में स्थित हैं। इन 28 में से 11 खदानें रायगढ़ जिले के तमनार- घरघोड़ा ब्लॉक में हैं।
यहां पहले से चालू खदानों से सडक़ मार्ग से ट्रकों के जरिए कोयले की ढुलाई के कारण प्रदूषण खतरनाक स्तर पर होने के कारण एनजीटी ने 2020 में इसी क्षेत्र विशेष के लिए फैसला दिया था। एनजीटी की सिफारिश पर गठित कमेटी के सुझावों पर अमल करते हुए कोयला मंत्रालय ने तमनार और घरघोड़ा ब्लॉक की खदानों के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त यह रख दी है कि वे सड़क मार्ग से कोयले की ढुलाई नहीं करेंगे। सिर्फ रेल और कन्वेयर बेल्ट से ही ढुलाई की मंजूरी दी गई है।
एनजीटी ने इन सुझावों पर अमल करने के लिए एक साल की मोहलत दी थी, जो फरवरी 2021 में ही पूरी हो चुकी है। सरकार के इस निर्णय से यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में सिर्फ और सिर्फ रेल व कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से ही कोल ट्रांसपोर्टिंग हो पाएगी। जिसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की जा रही है। इस व्यवस्था को देशभर की सभी कोल खदानों में पूरी तरह से लागू करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2070 तक का लक्ष्य रखा है।