सिमरिया से सांटा बुद्ध सिंह ग्राम तक सडक मार्ग में उड रहे धूल के गुबार
सिमरिया सिमरिया से सांटा बुद्ध सिंह ग्राम तक सडक मार्ग में उड रहे धूल के गुबार
डिजिटल डेस्क सिमरिया नि.प्र.। अमानगंज-सिमरिया मुख्य मार्ग लगभग 12 किलोमीटर इस सडक़ निर्माण कार्य की मरम्मत का ठेका 207.80 लाख रुपए की लागत से भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री सडक़ योजना के तहत द्विवेदी कंस्ट्रक्शन कंपनी बेनीसागर पन्ना मध्य प्रदेश द्वारा कराया गया था। कंपनी द्वारा सडक़ निर्माण के रखरखाव की गारंटी आगामी 5 वर्ष के लिए नियत की गई थी जिसकी वैधता मार्च 2022 को पूर्ण हो चुकी है। जिसकी जानकारी स्पष्ट रूप से सडक़ निर्माण के समय लगे सूचना बोर्ड पर अंकित है परंतु विडंबना यह है कि बोर्ड पर तो जानकारी स्पष्ट रूप से दर्ज है परंतु सडक़ यहां से गायब हो चुकी है और मार्ग चलने लायक नहीं है। शासन-प्रशासन द्वारा पुन: टेंडर जारी नहीं किया गया है जिससे लोगों को आवागमन में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सिमरिया से सांटा बुद्ध सिंह तक निर्मित लगभग 12 किलोमीटर की इस सडक में स्थिति यह है कि कहीं-कहीं विगत दिनों हुई बारिश के कारण रोड डामर सहित ही बह गई है वहां केवल गड्ढे ही दिखाई पड़ रहे हैं। जिस पर वाहनों का चलना तो दूर है मार्ग पर पैदल चलना भी दूभर है। सडक़ मार्ग पर निकली इस तरह की गिट्टी एवं निर्मित गढ्ढे बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ स्थिति यह है कि कहीं-कहीं पर सिर्फ गिट्टी ही दिखाई पड़ती है। विदित है कि यह है मार्ग छतरपुर जिले को भी जोड़ता है जिसके कारण इस मार्ग पर बड़े वाहनों की भी आवाजाही लगातार बनी रहती है।
जिससे कारण पूरी सडक़ पर केवल धूल का गुबार उडता दिखाई देता है। इस मार्ग पर आम आदमी का पैदल चलना दूभर हो जाता है विदित है कि सडक़ निर्माण के बाद केवल बोर्ड लगाकर ही रखरखाव की जानकारी अंकित कर दी जाती है वास्तविक रूप से देखरेख व रखरखाव का कार्य नहीं होता है। जिस कारण इस प्रकार की स्थिति निर्मित होती है। यदि ठीक तरह से तकनीकी रूप से देखरेख व मरम्मत होती रहे तो निश्चित तौर पर सडक़ की इस प्रकार की दुर्दशा नहीं होती। शासन-प्रशासन कि इस प्रकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं जिनसे आम आदमी का सीधा सरोकार होता है तथा आम आदमी के जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। ऐसी योजनाएं शासन-प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत एवं उपेक्षा के कारण भ्रष्टाचार की शिकार हो जाती हैं। विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने कार्यालयों पर बैठकर ही गुणवत्ता की जांच पूर्ण कर ली जाती है जिससे शासन की महत्वकांक्षी योजना धरातल पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ जाती हैं। शासन-प्रशासन को चाहिए कि जब ठेकेदार द्वारा रखरखाव की गारंटी की अवधि पूर्ण हुए लगभग 11 महीने बीतने को है उसके बावजूद भी विभागीय अधिकारियों एवं शासन-प्रशासन द्वारा नए सिरे से सडक़ का मेंटेनेंस कार्य क्यों नहीं कराया जा रहा है यह निश्चित रूप से विभागीय अधिकारियों पर सवाल खड़े कर रहा है। जिससे कहीं ना कहीं क्षेत्र की जनता एवं आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के लोगों ने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही की मांग की है जिससे लोगों को हो रही असुविधा से निजात दिलाई जा सके।