बॉम्बे हाई कोर्ट से सिडको को झटका
1200 मैंग्रोव को काटने की इजाजत देने से इनकार बॉम्बे हाई कोर्ट से सिडको को झटका
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शहर और औद्योगिक विकास निगम (सिडको) की पनवेल में अमर मार्ग और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) के बीच 7.02 किमी में एक तटीय सड़क बनाने की योजना है। इसमें 1.2 किमी नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (एनएमआईए) लिंक भी शामिल है। इसके लिए सिडको ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 1200 मैंग्रोव काटने की अनुमति है। हाई कोर्ट ने मैंग्रोव काटने की अनुमति देने से इनकार किया है। हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 6 जून निश्चित की है।
नई तटीय सड़क परियोजना के लिए मैंगोव काटने की याचिका पर कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश एसवी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति संदीप मर्ने की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई। खंडपीठ ने कहा कि नई पर्यावरणीय प्रभाव आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत किए बिना 1200 मैंग्रोव काटने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सिडको ने जनवरी 2017 में नई तटीय सड़क परियोजना की प्रक्रिया शुरू की। इस प्रक्रिया में उसने 2016 के पर्यावरण प्रभाव अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर 1200 मैंग्रोव को काटने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अनुमति मांगी गयी है।
बॉम्बे एनवायरनमेंट एक्शन ग्रुप ने मैंगोव काटने का विरोध किया है। ग्रुप के वकील निर्माण शर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि सिडको की ओर से दायर याचिका में 1200 मैंग्रोव काटने की अनुमति मांगी गई है। इसके लिए 2016 की प्रक्रिया के तहत पर्यावरणीय प्रभाव अध्ययन रिपोर्ट संलग्न किया है। सीआरजेड के अनुसार जब कोई प्रोजेक्ट शुरू करना होता है, तो उससे पहले तीन साल की अवधि के लिए पर्यावरण प्रभाव अध्ययन रिपोर्ट की जरूरत होती है। उसी के आधार पर अनुमति दी जा सकती है। इस परियोजना में सिडको की ओर से ऐसा नहीं किया गया है। अब 2023 में सिडको की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मैंग्रोव को काटने की अनुमति मांगी गयी है।