कैडर नियमों में परिवर्तन पर छत्तीसगढ़ सीएम ने जताया विरोध, पीएम मोदी को लिखा पत्र
अखिल भारतीय सेवा संवर्ग कैडर नियमों में परिवर्तन पर छत्तीसगढ़ सीएम ने जताया विरोध, पीएम मोदी को लिखा पत्र
- राज्य कैडर की कुल अधिकृत शक्ति के खिलाफ सरकार चार प्रमुख संशोधन करना चाहती है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र में अखिल भारतीय सेवा संवर्ग के अधिकारियों की सेवा संबंधी नियम पर असहमति जताई है। बघेल ने केंद्र सरकार के कैडर नियमों में परिवर्तन के प्रस्ताव का विरोध जाया है। इससे पहले इस संबंध में केंद्र सरकार ने राज्यों से अभिमत मांगा था।
केंद्र ने प्रस्ताव किया था कि प्रत्येक राज्य केंद्र सरकार को प्रतिनियुक्ति के लिए विभिन्न स्तरों के पात्र अधिकारियों को मौजूदा नियमों के तहत निर्धारित केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व की सीमा तक, राज्य के पास उपलब्ध अधिकारियों की संख्या से आनुपातिक रूप से समायोजित करेगा। डीओपीटी अधिकारियों के अनुसार, प्रस्ताव के तहत एक निश्चित समय में राज्य कैडर की कुल अधिकृत शक्ति के खिलाफ सरकार चार प्रमुख संशोधन करना चाहती है।
इसी के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को अपने पत्र में लिखा है कि, भारत सरकार द्वारा हाल ही में अखिल भारतीय सेवाओं के कैडर नियमों में संशोधन प्रस्तावित करते हुए उन संशोधनों पर राज्य सरकारों से अभिमत मांगा है। प्रस्तावित संशोधन केन्द्र सरकार को अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों की पदस्थापना के अधिकार, एकपक्षीय रूप से बिना राज्य सरकार अथवा संबंधित अधिकारी की सहमति के प्रदाय करते है जो कि संविधान में अंगीकृत एवं रेखांकित संघीय भावना के पूर्णत: विपरीत है। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी मूलत: राज्यों में पदस्थ होते हैं तथा केन्द्र शासन में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित किए जाते हैं। प्रतिनियुक्ति सामान्यत: राज्य सरकार से सहमति उपरान्त की जाती रही है। राज्य सरकारें अपनी प्रशासकीय आवश्यकतानुसार निर्णय लेते हुए केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर सहमति देती रही है।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि, छत्तीसगढ़ राज्य में अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी कानून व्यवस्था। नक्सल हिंसा के उन्मूलन, राज्य के सर्वांगीण विकास एवं वनों के संरक्षण सहित विभिन्न महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे है। इन संशोधनों के फलस्वरूप अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों में जो कि जिलों से लेकर राज्य स्तर पर विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ है। अस्थिरता एवं अस्पष्टता का भाव जागृत होना स्वाभाविक है। इससे उनके द्वारा शासकीय दायित्वों के निर्वहन में असमंजस की स्थिति होगी तथा राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण निष्पक्ष होकर काम करना विशेषकर निर्वाचन के समय निष्पक्ष होकर चुनाव संचालन संभव नहीं होगा। इससे राज्यों में प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा सकती एवं अस्थिरता की स्थिति निर्मित हो सकती है।
उन्होंने आशंका जताई कि निकट भविष्य में इन नियमों के दुरुपयोग की अत्यंत संभावना है। पूर्व में हुई कई घटनाओं में अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों को अनावश्यक रूप से लक्षित कर कार्यवाही किए जाने के उदाहरण मौजूद है। पूर्व में राज्य एवं केन्द्र सरकारों के बीच संतुलन एवं समन्वय के लिए वर्तमान नियमों में पर्याप्त प्रावधान है। अत: छत्तीसगढ़ सरकार अखिल भारतीय सेवाओं के कैडर नियमों में संशोधन का पुरजोर विरोध करती है एवं मांग रखती है कि पूर्वानुसार कैडर नियमों को यथावत रखा जाये।
(आईएएनएस)