महाराष्ट्र के साथ केन्द्र भी करे बाढ़ पीड़ितों की मदद: कपिल पाटील

महाराष्ट्र के साथ केन्द्र भी करे बाढ़ पीड़ितों की मदद: कपिल पाटील

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-31 14:15 GMT
महाराष्ट्र के साथ केन्द्र भी करे बाढ़ पीड़ितों की मदद: कपिल पाटील

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाजपा सांसद कपिल मोरेश्वर पाटील ने महाराष्ट्र के बदलापुर, कल्याण, वांगनी और देहात में बाढ़ के पानी से हुए नुकसान का मसला लोकसभा में उठाया और मांग की है कि राज्य सरकार के साथ केन्द्र सरकार भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए। पाटील ने यह मसला बुधवार को लोकसभा में विशेष उल्लेख के तहत उठाया। उन्होने सदन को बताया कि 26 जुलाई को उनके संसदीय क्षेत्र में ही वांगणी और बदलापुर के बीच एक ट्रेन बाढ़ में फंस गई थी। हालांकि इस विषम परिस्थिति में नेवी, एनडीआरएफ, रेलवे, राजस्व, फायर ब्रिगेड सहित सभी विभागों के बेहतर समन्वय से ट्रेन में सवार यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया। लेकिन सच्चााई यह है कि बाढ़ से स्थानीय लोगों का भारी नुकसान हुआ है। नुकसान को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने जीआर में बदलाव करके लोगों को मदद करने की घोषणा की है। लेकिन मेरी मांग है कि बाढ़ पीड़ितों की ज्यादा मदद हो सके, इसके लिए केन्द्र सरकार भी अपनी ओर से सहायता दें।

हाई-टेंशन टॉवर लगाने किसानों को मिले उचित मुआवजा मिले : छत्रपति

वहीं राज्यसभा सांसद संभाजी छत्रपति ने मराठवाड़ा और खानदेश के उन किसानों का मसला राज्यसभा में उठाया जिनके खेत में लगाए जा रहे हाई-टेंशन टॉवर का ठीक से मुआवजा नहीं मिल रहा है। उन्होने मांग की है कि सरकार हाई-टेंशन टॉवर लगाए जाने के एवज में संबंधित किसानों को उनकी जमीन के बाजार भाव से कम-से-कम दो गुणा मुआवजा दे। छत्रपति ने यह मसला बुधवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया। संासद ने जोर देकर कहा कि किसानों को राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए ली जाने वाली जमीनों का मुआवजा तो उसके बाजार भाव से चार गुणा तक दिया जाता है, लेकिन हाई-टेंशन टॉवर लगाने के लिए जिन जमीनों का अधिग्रहण किया जाता है उन किसानों को जमीन के बाजार भााव का सिर्फ 85 फीसद ही मिलता है। उन्होने बताया कि जहां हाई-टेंशन टॉवर लगते हैं वहां हाई ट्रांसमिशन तार होने की वजह से संबंधित जमीन के आसपास की जमीनों का उपयोग भी किसान नहीं कर पाते। लिहाजा ऐसे किसानों को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है। किसानों की इस मुश्किल हालात को देखते हुए संभाजी छत्रपति ने सरकार से मांग की है कि हाई-टेंशन टॉवर के लिए अधिग्रहित की जाने वाली जमीनों का मुआवजा बाजार भाव से कम-से-कम दो गुणा की जाए। 
 

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