सीमेंट कंपनियों को मिल रहा मिलावटी कोयला
चंद्रपुर सीमेंट कंपनियों को मिल रहा मिलावटी कोयला
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। अत्याधिक प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कोल डिपो पर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा प्रतिबंध लगाने के बावजूद पडोली से घुग्घुस समीप धानोरा फाटे तक दर्जनों कोल डिपो अवैध रूप से चलकर कोयले का काला खेल खेला जा रहा है। ऐसे में नागाला के बजरंगबली काटे में बड़े पैमाने कोयले में मिक्सिंग करके घटिया दर्जे का कोयला जिले की सीमेंट कंपनियों भेजा जा रहा है। बेखौफ और खुले रूप से चल रहे इस खेल पर जिला प्रशासन आंखें मुंदकर बैठा है। इससे कोल डिपो से प्रदूषण हो ही रहा है, साथ ही सीमेंट कंपनियों में घटिया कोयला जलने से और प्रदूषण बढ़ रहा है।
बता दें कि, निजी कंपनियां अपने उद्योगों के लिए वेकोलि से हर वर्ष लाखों टन कोयला खरीदती है। इसके बाद संबंधित कंपनी खदान से कोयला अपने उद्योग लाने के लिए कोयला व्यापारियों को कोयले का काम (डीओ) देती है। यह कोयला व्यापारी ट्रांसपोर्टरों द्वारा खदान से कोयला लेकर उद्योग में भेजते हैं परंतु उसके पहले यह व्यापारी अपने निजी कोल डिपो में खदान का अच्छा कोयला उतारकर उसमें खराब मटेरियल, काला पत्थर अादि मिलाकर कंपनियों को भेजते हैं और अच्छा खुले बाजार में बड़े दामों पर बेचा जा रहा है। इसके साथ ही चोरी का कोयला भी डिपो में खरीदा जाता है।
ज्यादातर कोयला बल्लारपुर एरिया के खदानों से चोरी का कोयला यहां आता है। यह तस्करी का गोरखधंधा बरसों से शुरू है। बताया जाता है कि, पिछले 6 माह में गोपानी कंपनी से हजारों टन बैड मैटेरियल (डस्ट), जो 20 रुपए प्रतिटन से ईंट भट्टी वाले खरीदते थे। लेकिन कोयला व्यापारियों में इस बैट मटेरियल की मांग बढ़ने के चलते गोपानी कंपनी ने अब 900 रुपए प्रतिटन बेच रही है, उसे कोयला व्यापारी खरीदकर मिलावटी का खेल खेला जा रहा है। इस बीच पिछले वर्ष अक्टूबर माह में घुग्घुस पुलिस ने सुबह नगाला के प्लाट पर कार्रवाई की थी। साथ ही इसके पूर्व एलसीबी ने नागाड़ा के ही कोल डिपो पर 26 ट्रकों को पकड़ा था। इसकी जांच के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई थी। नागपुर, गोंदिया, भंडारा व यवतमाल जिले से इसके तार जुड़े मिले थे। यह मामला घुग्घुस थाने में दर्ज है।
नागाला में मेरा कोई कोल डिपो नहीं
बजरंगबली डिपो के संचालक जीतेश अग्रवाल से संपर्क करने पर इस संबंध में अनजान बनकर कहा कि, मेरा नागाला में कोई कोल डिपो नहीं है। मैं चंद्रपुर नहीं मुंबई से बात कर रहा हूं। आप पहले नंबर चेक किजीये, फिर बात किजीये ऐसा कहकर फोन काट दिया।
क्लोजर नोटिस देने के बावजूद बंद नहीं हुए डिपो
^एपीसीबी सूत्रों के अनुसार अवैध कोल डिपो व उनसे होनेवाले प्रदूषण को लेकर कुछ महीनों पहले जिलाधिकारी की मौजूदगी में उच्चस्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें विविध विषयों पर चर्चा हुई। 1000 से अधिक स्क्वे.मीटर वाले कोल डिपो पर एमपीसीबी को कार्रवाई करनी थी, उसके तहत क्लोजर नोटिस दिए गए। इसके बावजूद नहीं मानने पर अदालत में मुकदमा दायर करने संबंधी नोटिस दिया गया। वहीं 1000 से कम स्क्वेे.मीटर वाले कोल डिपो पर तहसीलदार स्तर कार्रवाई करनी थी। फिर एक भी कोल डिपो बंद नहीं हुए, आज भी बेखौफ डिपो शुरू है।