पागल सांड ने महिला को उतारा मौत के घाट
पागल सांड ने महिला को उतारा मौत के घाट
डिजिटल डेस्क, शहडोल। सड़कों पर घूम रहे छुट्टा मवेशी लोगोंं के लिए जानलेवा साबित होने लगे हैं। बुढ़ार में गुरुवार तड़के एक सांड के हमले में महिला की मौत हो गई। घटना बुढ़ार परिषद कार्यालय के ठीक सामने की है। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम किया है। वहीं सांड को पागल बताकर नगर परिषद प्रशासन अपना पल्ला झाड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक छाता निवासी और वर्तमान में मोहल्ला बुढ़ार में रहने वाली 75 वर्षीय रामकली जोगी रोजाना की तरह गुरुवार को सुबह करीब पांच बजे नगर परिषद के पास वाले पंप में नहाने के लिए जा रही थी। रास्ते में ही सांड ने उस पर हमला कर दिया। हमले में वृद्ध की मौके पर ही मौत हो गई। इस बीच सांड को आसपास के लोगों ने एक बाड़े में बंद कर दिया। करीब चार घंटे बाद उसकी भी मौत हो गई। बता दें कि छुट्टा जानवरों की समस्या पूरे जिले की है। पशु चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिलेभर में 1500 से 2000 छुट्टा जानवर सड़कों पर घूम रहे हैं।
पागल हो गया था सांड
इस संबंध में जब बुढ़ार नगर परिषद सीएमओ सुलेखा जाटव से बात की गई तो उन्होंने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया कि सांड पागल हो गया था। हम क्या कर सकते हैं। उसको पकड़ने के लिए वन विभाग और वेटरनरी विभाग के अधिकारियों से बात की जा रही थी, इस बीच सांड की मौत हो गई। जब उनसे सड़कों पर घूमने वाले छुट्टा मवेशियों के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आसपास कोई कांजी हाउस ही नहीं है। जानवरों को पकड़ भी लेंगे तो रखेंगे कहा।
लोगों ने सौंपा ज्ञापन
जागरूक नागरिक परिषद ने शुक्रवार को बुढ़ार के विभिन्न वार्डोंं में धमाचौकड़ी करने वाले आवारा पशुओं को पकड़कर शहर से बाहर करने के लिए सीएमओ बुढ़ार एवं तहसीलदार के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन सौंपने वालों मे प्रभु जगवानी, अशोक कुमार जगवानी, मनोज जैन, रोहणी प्रसाद गर्ग, प्रशांत जैन, संजय आसवानी, सच्चानंद दानवानी, तीरथ गौरव शामिल रहे।
इनका कहना है
बताया जाता है कि कुत्ते ने काटने से सांड पागल हो गया था। घटना के बाद सांड को पकड़ने के लिए वन विभाग, नगर परिषद और वेटरनरी विभाग से बात चल रही थी। बाद में उसकी मौत हो गई। एसडीएम से कहा गया है कि मृतक के परिजनों को किसी सरकारी योजना के तहत लाभ दिया जाए। इसके साथ ही सड़कों से जानवरों को हटाने के लिए सभी सीएमओ को निर्देश जारी किए जाएंगे। - अशोक ओहरी, एडीएम