रिश्वतखोर वनपाल को तीन वर्ष की सजा
कार्रवाई का भय दिखाकर वसूली रिश्वतखोर वनपाल को तीन वर्ष की सजा
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। एक व्यक्ति के पास मिले सागौन में कार्रवाई का डर दिखाकर 5,000 रुपए की रिश्वत मांगने वाले पोंभुर्णा कार्यालय वनक्षेत्र सहायक घोसरी के वनपाल राजेश ऋषिजी रामगुंडेवार (50) को चंद्रपुर न्यायालय ने 3 वर्ष कारावास और जुर्माने की सजा 24 अप्रैल को सुनाई है। 19 मार्च 2013 को शिकायतकर्ता रुस्तम चव्हाण के पास सागौन का लकड़ा मिला था। जांच के बाद वनपाल ने उसके खिलाफ कार्रवाई का डर दिखाकर 5000 रुपए की मांग की थी किंतु शिकायतकर्ता की रिश्वत देने की इच्छा न होने से चंद्रपुर रिश्वत प्रतिबंधक विभाग से शिकायत कर दी। टीम की छापा मार कार्रवाई के दौरान राजेश ने कार्रवाई न करने के लिए 5000 रुपए की रिश्वत मांगने की बात पंचों के समक्ष स्वीकार की थी। इस आधार पर एसीबी के तत्कालीन पुलिस उपअधीक्षक राजेश शिरसाठ ने मामले की जांच राजेश रामगुंडेवार के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने राजेश को 3 वर्ष की सजा और जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न अदा करने पर अतिरिक्त सजा का प्रावधान रखा है।