रिश्वतखोर सहायक पुलिस उपनिरीक्षक को सात वर्ष की सजा

भरना होगा जुर्माना भी रिश्वतखोर सहायक पुलिस उपनिरीक्षक को सात वर्ष की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-11 07:44 GMT
रिश्वतखोर सहायक पुलिस उपनिरीक्षक को सात वर्ष की सजा

डिजिटल डेस्क, भंडारा। रिश्वत के मामले में पकड़े गए मोहाड़ी के सहायक पुलिस उपनिरीक्षक को तीन वर्ष सश्रम कारावास व दस हजार रुपए जुर्माना तथा चार वर्ष सश्रम कारावास व दस हजार रुपए जुर्माना इस तरह दो अलग-अलग धाराओं के तहत कुल सात वर्ष सश्रम कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। यह निर्णय भंडारा जिला न्यायाधीश तथा सत्र न्यायाधीश अंजू शेंडे ने  सुनाई है।  अपराधी सहायक पुलिस निरीक्षक अब सेवानिवृत्त हो चुका है। अपराधी का नाम मोहाड़ी पुलिस थाने के सहायक पुलिस उपनिरिक्षक अश्विन मेहर (59) बताया जा रहा है। मामला वर्ष 2015 का है। मोहा़डी पुलिस थाने के तहत कार्यरत सहायक पुलिस उपनिरीक्षक अश्विन मेहर ने कुशारी ग्राम के व्यवसायी से रेत के ट्रैक्टर शुरू रखने के लिए प्रति माह पांच हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।

 व्यवसायी ने इसे लेकर पहले ही भंडारा एन्टी करप्शन विभाग में शिकायत दी थी। मोहाड़ी पुलिस थाने की गेट पर सहायक पुलिस उपनिरिक्षक अश्विन मेहर को एन्टी करप्शन विभाग के दल ने गिरफ्तार किया था। इस प्रकरण की जांच तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक दिनकर सावकर कर रहे थे। उन्होंने ही मामले का अपराध पत्र न्यायालय में दाखिल किया। जिला व सत्र न्यायाधीश ने सभी सबूतों व गवाहों को देखते हुए आरोपी सहायक पुलिस उपनिरीक्षक अश्विन मेहर को धारा 7 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपए जुर्माना तथा धारा 13 (1) (ड) भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम 1988 अंतर्गत चार वर्ष सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपए जुर्माना इस तरह सात वर्ष की सजा व 20 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। प्रकरण में जिला सरकारी अभियोक्ता का कार्य एड.भोले ने संभाला। अपराधी का पक्ष एड. नायडू संभाला। एन्टी करप्शन विभाग द्वारा न्यायालयीन कामकाज पुलिस अधीक्षक राकेश ओला, अपर पुलिस अधीक्षक मिलिंद तोतरे के मार्गदर्शन में पुलिस उप अधीक्षक महेश दत्तात्रय चाटे के नेतृत्व में पैरवी अधिकारी पुलिस हवालदार रवींद्र गभने ने संभाला। 

अपराधी अस्पताल में 
सजा सुनाए जाने के बाद अपराधी अश्विन मेहर को कारागार रवाना करने के पहले उसकी वैद्यकीय जांच कराई गई । जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। इसके बाद उसे जिला अस्पताल भंडारा में भर्ती कराया गया। अपराधी स्वयं गंभीर बीमारी से हाल ही में ठीक होकर लौटा था।  ड्यूटी पर भी वह लंबे समय तक वैद्यकीय अवकाश पर रह चुका था। 

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