ब्लास्टिंग ने रोकी ट्रेन की रफ्तार, पांच घंटे ठप रहा रेल यातायात
ब्लास्टिंग ने रोकी ट्रेन की रफ्तार, पांच घंटे ठप रहा रेल यातायात
डिजिटल डेस्क, छिन्दवाड़ा/पांढुर्ना। तीसरी रेल लाइन के लिए पहाड़ी पर की गई ब्लास्टिंग से पटरियों पर मलवा आ गिरा। जिससे ट्रेनों की रफ्तार थम गई। वहीं सूचना पर नागपुर-आमला की टीम मौके पर पहुंची मलबा हटाकर रूट क्लीयर किया। ब्लास्टिंग के कारण कई ट्रेनें प्रभावित रहीं, जिसके कारण स्टेशनों पर यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।
जानकारी के अनुसार नई दिल्ली-चैन्नई ग्रैंड ट्रंक रेल रूट पर करीब पांच घंटे तक रेल यातायात ठप रहा। बताया जा रहा है कि बैतूल-नागपुर सेक्शन के चिचोंडा-घुडनखापा रेलवे स्टेशन के बीच तीसरी रेल लाइन निर्माण को लेकर यहां निर्माण एजेंसी ने पहाड़ी की ब्लास्टिंग की, पहले तो यहां दो घंटे का ब्लाक लेकर काम किया जा रहा था, पर ब्लास्टिंग के बाद पहाड़ी का मलबा पटरी पर आ जाने से इसे हटाने में करीब पांच घंटे लग गए। ऐसे में दो घंटे के ब्लाक के साथ रेल रूट पर ट्रेन यातायात करीब पांच घंटे तक बंद हो गया।
अप-डाउन दोनों ट्रैकों की ट्रेनें प्रभावित
मिली जानकारी के अनुसार ब्लास्टिंग के दौरान पहाड़ी का मलबा रेल रूट के अप और डाउन ट्रैक की दोनों पटरियों पर गिर गया था, इसे हटाने के लिए ही करीब पांच घंटे का समय लगा। दो घंटे के ब्लाक के बाद अप ट्रैक शुरू हो गया। पर डाउन ट्रैक पर गिरा मलबा साफ करते-करते करीब पांच घंटे लग गए। इस दौरान डाउन ट्रैक की ट्रेनों के पहिए थमे रहे। जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
कई घंटे खड़ी रही एक्सप्रेस ट्रेनें
तीसरी रेल लाइन के लिए मुलताई-पांढुर्ना के बीच चिचोंडा-घुडऩखापा घाट सेक्शन पर पहाडिय़ों की कटिंग कर समतलीकरण का काम किया जा रहा है। जिसको लेकर शनिवार की दोपहर ब्लास्टिंग का काम हो रहा था। पर ब्लाक के बावजूद पटरी पर मलबा गिरने से बढ़ी परेशानी के बाद यातायात सुचारू करने लंबा समय बीत गया। जिसके चलते डाउन ट्रैक पर निजामुद्दीन-हैदराबाद दक्षिण एक्सप्रेस को ढाई घंटे और पटना-बेंगलुरू संघमित्रा एक्सप्रेस को डेढ़ घंटे तक चिचोंडा स्टेशन पर रोका गया। पाटलीपुत्र-यशवंतपुर को मुलताई में डेढ़ घंटे, लखनउ-यशवंतपुर को जौलखेड़ा में सवा घंटे, जयपुर-नागपुर को हतनापुर में डेढ़ घंटे तक रोका गया। वहीं अप ट्रैक पर चैन्नई-नईदिल्ली तमिलनाड़ु एक्सप्रेस और हमसफर एक्सप्रेस को दो-दो घंटे तक तीगांव स्टेशन पर रोका गया। छोटे स्टेशनों पर ट्रेनें रूकने के चलते यात्रियों को पानी और अन्य सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ा।