मनपा की बर्खास्तगी के प्रस्ताव से भाजपा आक्रामक

मनपा की बर्खास्तगी के प्रस्ताव से भाजपा आक्रामक

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-06 05:33 GMT
मनपा की बर्खास्तगी के प्रस्ताव से भाजपा आक्रामक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर महानगरपालिका को बर्खास्त करने की मांग को लेकर शिवसेना विधायकों द्वारा दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर शहर की राजनीति में उठापटक तेज हो गई है। इसे लेकर सत्तापक्ष भाजपा बेचैन होने के साथ आक्रामक हो गई है। उसने पलटवार करते हुए महाविकास आघाड़ी को घेरने की कोशिश की। महापौर संदीप जोशी ने कमान संभालते हुए कहा कि सरकार को जो जांच करना है करे, हमने कुछ गलत नहीं किया है तो हमें डरने की जरूरत नहीं है। राजनीति करना है तो करें, लेकिन नागपुर को बदनाम न करें। यह शहर की जनता, 156 नगरसेवक और विकास कार्यों का अपमान है। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में हुए कामों को सभी ने देखा है। 

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में उठे मुद्दों का यह दिया जवाब 
किसी भी आयुक्त या लेखा अधिकारी ने मनपा की आर्थिक संकट का उल्लेख नहीं किया है। अगर यह स्थिति है तो पहले मनपा स्थायी समिति के सभापति को बताना जरूरी था। 
योजनाओं में मनपा का हिस्सा नियमित तरीके से दे रहे हैं। कुछ काम पूरे होने की कगार पर हैं। हमारा पैसा  2016 से 2020 तक का 982 करोड़ राज्य सरकार के पास रुका है, जो अब तक नहीं मिला।  केंद्र सरकार की जेएनएनयूआरएम में हमें 224 करोड़ देने थे, लेकिन हमने अपने हिस्से से कई गुना ज्यादा यानी 743 करोड़ रुपए दिए। जो कर्ज लिया है, उसकी एक भी किस्त लंबित नहीं है। जो काम शुरू है, उसे रोका नहीं है। बजट पेश करते समय आयुक्त आय और खर्च का तालमेल बैठाते हैं। यह उनकी जिम्मेदारी है। जीपीएफ, पेंशन का पैसा ठेकेदारों को लेखा अधिकारी गाडगे और मोना ठाकुर के कार्यकाल में दिया गया। 

ठेकेदारों को पैसा देने की कोई पूर्व सूचना स्थायी समिति सभापति को नहीं दी और न अनुमति ली गई। जिन्होंने ठेकेदार को पैसा दिए, ऐसे लेखा अधिकारी मोना ठाकुर को दोबारा मनपा की सेवा में रखा जा रहा है। आर्थिक आपातकाल यानी क्या? क्या हमने जलापूर्ति बंद की है।कचरा उठाना रोक दिया है। सीवरेज ट्रीटमेंट  बंद किया है या फिर शहर में सड़कों के काम बंद हो गए? सब कुछ सामान्य है। फिर आपातकाल कैसे? कांग्रेस, बसपा, एनसीपी नगरसेवकों के अनेक कार्यादेश मंजूर हुए हैं। हाल में हमें सेफ एंड स्मार्ट सिटी का केंद्र से अवार्ड मिला है। 

सब मिलीभगत
महापौर ने कहा कि नागपुर जिले के किसी भी कांग्रेस या अन्य दल  के विधायक को मनपा में आर्थिक संकट नहीं दिखा, लेकिन मुंबई में रहने वाले शिवसेना के चार विधायकों को इसका साक्षात्कार हो गया। नागपुर में जिनका कोई विधायक नहीं और मनपा में सिर्फ दो नगरसेवक हैं, उन्हें नागपुर मनपा में आर्थिक संकट नजर आ रहा है। 

यह तो हद है
महापौर कक्ष में आयोजित पत्रकार-वार्ता में संदीप जोशी ने कहा कि आयुक्त मुंढे ने जो भाषा मनपा सभागृह में बोली थी, वही भाषा शिवसेना विधायकों के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के निवेदन में है। वही आंकड़े और तर्क हैं। जिस पद्धति से यह निवेदन स्वीकार किया गया, उससे ही बहुत बड़ा षड़यंत्र रचे जाने का खुलाास हो रहा है। यह पूरी तरह से राजनीति है।  

जनता के साथ सड़कों पर उतरेंगे 
महापौर जोशी ने कहा कि सरकार मनपा को बर्खास्त करने पर निर्णय लेती है तो समय पर जो-जो करना है, वह किया जाएगा। इस अन्याय के खिलाफ जनता के साथ सड़कों पर उतरा जाएगा। महाविकास आघाड़ी षड्यंत्र कर रही है।

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