पश्चिम बंगाल में सांस संबंधी 870 और इन्फ्लूऐंजा जैसी बीमारी के 92,000 से अधिक मामले सामने आए
पश्चिम बंगाल में सांस संबंधी 870 और इन्फ्लूऐंजा जैसी बीमारी के 92,000 से अधिक मामले सामने आए
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में इन्फ्लूऐंजा जैसी बीमारी के 92,000 से अधिक मामले और सांस संबंधी गंभीर बीमारी के 870 मामलों की पहचान की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ये निष्कर्ष कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के शुरुआती चेतावनी संकेत हो सकते हैं।
बनर्जी ने कहा कि ये परिणाम उनकी सरकार द्वारा बीते एक महीने से अधिक समय में किए गए घर-घर निगरानी के प्रयासों का परिणाम है जिसमें 5.5 करोड़ से अधिक घरों में जांच की गई है। उन्होंने कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि यह वायरस परास्त नहीं हो जाता।
मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, "बीते एक महीने से भी अधिक समय से घर-घर जांच का एक गहन अभियान छेड़ रखा है जिसमें श्वसन संबंधी गंभीर बीमारी (एसएआरआई) तथा इन्फ्लूऐंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के मामलों की पहचान की जा रही है। इसमें सात अप्रैल से तीन मई के बीच 5.57 करोड़ से अधिक घरों का दौरा किया गया और एसएआरआई से पीड़ित 872 लोग तथा आईएलआई से पीड़ित लोगों के 91,515 मामले सामने आए। उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सलाह दी गई है।"
यह अभियान विशेष तौर पर प्रशिक्षित आशा कार्यकर्ता तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता कर रहे हैं। बनर्जी ने कहा कि इससे हमें चेतावनी के शुरुआती संकेत मिले तथा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में समयपूर्व उठाया गया यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने यह भी बताया कि इस अवधि में 375 लोगों को राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती करवाया गया, उनमें से 62 कोविड-19 से संक्रमित पाए गए और उनका उपचार चल रहा है।बुधवार दोपहर तक पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के कुल 1,456 मामले हो गए और इस संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 72 हो गई।