बस्ती घिरी पानी से तो पेंट के डिब्बे, टिन, बांस से बना डाली नाव
आवश्यकता ही अविष्कार की जननी बस्ती घिरी पानी से तो पेंट के डिब्बे, टिन, बांस से बना डाली नाव
डिजिटल डेस्क,चंद्रपुर। आवश्यकता ही अविष्कार की जननी होती है यह बात एक बार फिर सच साबित हुई। भद्रावती शहर के श्रीराम नगर में दिखाई दिया। अतिवृष्टि का पानी जमा होने पर उससे घर तक पहुंचने, आवागमन करने किसन मेश्राम ने पेंट के डिब्बे, खाद्यतेल के टिन तथा बांस का उपयाेग कर नाव बना ली। इसकी सहायता से आवागमन शुरू किया है। शहर के माणिकादेवी मंदिर समीप श्रीरामनगर के निचले क्षेत्र में किसन मेश्राम, दादाजी चुदरी, अंबादास चुदरी, कवडू रेंपाकुलवार, बालू टेकाम, गणेश टेकाम, मनोज लेनगुरे, पवन मेश्राम, वाघाडे, नत्थू दाते, अरविंद पोईनकर, भास्कर सिध्दमशेट्टीवार आदि गरीबों ने खुली निर्माणकार्य विभाग की जगह पर मकान बनाए। वहां अपना गुजर-बसर शुरू किया।
इस बीच निरंतर हुई अतिवृष्टि का असर भद्रावती शहर पर भी हुआ। निरंतर बारिश से निचले क्षेत्र में पानी जमा होकर परिसर के 13 मकान पानी के नीचे आ गए । इससे नागरिकों के चारों और पानी जमा होने से घर के बाहर निकलना कठिन हो गया। कुछ लोगों के घर में पानी जमा होने से अन्य जगह आश्रय लिया। पानी के कारण इन गरीब लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। यहां के 12 स्कूली छात्रों का स्कूल जाना भी बंद हो गया। लेकिन मेश्राम की नाव से छात्रों का स्कूल जाना आसान हो गया है। मेश्राम ने अपनी कल्पना से यह नाव बनाई और आवागमन शुरू किया। उनका यह प्रयास सफल हुअा। अब बरसात के जमा पानी से वह आसानी से घर में आना-जाना कर रहे हैं।