गड़चिरोली में महाशिवरात्रि की सभी यात्राओं पर लगा प्रतिबंध
आदेश गड़चिरोली में महाशिवरात्रि की सभी यात्राओं पर लगा प्रतिबंध
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 2 दो वर्ष की तरह इस बार भी आगामी 1 मार्च से आरंभ होने जा रहे महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में आयोजित किए जाने वाले सभी प्रकार की यात्राओं पर प्रतिबंध रहेगा। जिलाधिकारी व जिला आपदा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष संजय मीणा ने इस आशय के अादेश जारी किए हंै। महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में केवल 50 लोगों की उपस्थिति में मंदिर में पूजा-अर्चना करने को अनुमति प्रदान की गयी है।
बता दें कि, चामोर्शी तहसील में विदर्भ की काशी के रूप में परिचित मार्कडा देवस्थान में लगातार 10 दिनों के मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में गड़चिरोली समेत पूर्वी विदर्भ के सभी जिलों और अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में पहुंचते हंै। मार्कंडा देवस्थान की तरह चपराला, कुरखेड़ा तहसील के अरततोंडी, आरमोरी तहसील के वैरागढ़ में भी यात्राओं का आयोजन किया जाता है। वर्तमान में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तीव्र गति से कम हो रही है। इसी कारण यात्रा स्थल की सफाई का कार्य मंदिर ट्रस्ट और ग्रामीणों ने शुरू किया था। लग रहा था कि, इस वर्ष यात्रा का आयोजन होगा। मात्र महाशिवरात्रि के एक दिन पूर्व ही जिलाधिकारी संजय मीणा ने सभी प्रकार की यात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गौरतलब है कि, जिस जिले में 30 जनवरी 2022 तक 18 वर्ष से उपर के उम्र वाले 90 फीसदी नागरिकों ने कोविड टीकाकरण का पहला डोज लिया है और 70 फीसदी नागरिकों ने दूसरा डोज लिया है, एेसे जिले का समावेश सरकार ने परिशिष्ट अ में किया है। ऐसे जिलों को सरकार ने रियायतें प्रदान की है। लेकिन गड़चिरोली जिले का समावेश परिशिष्ट अ में नहीं होने के कारण यहां की यात्राओं पर रोक लगाई गई है। जिलाधिकारी मीणा ने संबंधित उपविभागीय अधिकारी और तहसीलदार को आदेशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हंै। साथ ही कोरोना के मार्गदर्शक नियमों का उल्लंघन होने पर संबंधितांे पर महामारी प्रतिबंधक कानून 1897, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसा भी आदेशों में उल्लेख किया गया है।