बीएएमएस डाक्टरों ने शुरू किया कामबंद आंदोलन
उठाई आवाज बीएएमएस डाक्टरों ने शुरू किया कामबंद आंदोलन
डिजिटल डेस्क, ब्रह्मपुरी (चंद्रपुर)। कोराेना महामारी के दौरान राज्य में वर्ष 2019 से लगभग 1 हजार 400 बीएएमएस डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्र के मुख्यालय में रहकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में राज्य शासन द्वारा नए एमबीबीएस डॉक्टरों को नियुक्त करने के आदेश जारी किए गए। शासन के इस आदेश के खिलाफ आवाज उठाते हुए बीएएमएस डॉक्टरों ने इस भर्ती प्रक्रिया को दो दिनों के भीतर तुरंत रोका जाए, ऐसी मांग 13 जुलाई को की थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर सोमवार,18 जुलाई से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन कामबंद आंदोलन शुरू किया है। इस आंदोलन में जिले के 50 बीएएमएस वैद्यकीय अधिकारी शामिल हुए थे।
आंदोलनकर्ताओं ने बताया कि गत वर्ष जून माह में राज्य सरकार द्वारा मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लेकर कोरोना के दोनों लहर समाप्त होते ही 1 हजार 899 एमबीबीएस राजपत्रित वैद्यकीय अधिकारी गुट अ को बिना किसी शासकीय अनुभव के किसी भी तरह की एमपीएससी सरल सेवा साक्षात्कार नहीं लेते हुए केवल अंकों के आधार पर भर्ती किया गया। ऐसे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएएमएस डॉक्टर को नौकरी से हटाया गया है। इसी तरह इस वर्ष 2022 में डीएमआरई बान्ड के नाम पर कार्यरत लगभग 500 बीएएमएस अधिकारियों को पद से हटा दिया गया। उक्त स्थानों पर वैद्यकीय अधिकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत रहते हुए नए एमबीबीएस डॉक्टरों को नियुक्त करने के आदेश जारी किए गए। इस प्रक्रिया को 2 दिनों के भीतर तुरंत रोका जाए, ऐसी मांग 13 जुलाई को की थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर सोमवार 18 जुलाई से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन कामबंद आंदोलन शुरू किया है। इस समय जिले के 50 बीएएमएस वैद्यकीय अधिकारी मौजूद थे।