पारंपरिक गमोसा को जीआई टैग मिला

असम पारंपरिक गमोसा को जीआई टैग मिला

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-14 12:31 GMT
पारंपरिक गमोसा को जीआई टैग मिला

डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। असम के पारंपरिक हाथ से बुने हुए गमोसा को केंद्र सरकार से जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग मिला है, जो राज्य के स्वदेशी लोगों के लिए सांस्कृतिक महत्व का एक लेख है।

मंगलवार देर रात एक ट्वीट में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, असम के लिए गौरव का दिन, क्योंकि हमारे गमोसा को भारत सरकार द्वारा जीआई टैग मिला है। असमिया गौरव के इस अभिन्न प्रतीक को हमेशा प्रतिष्ठा का स्थान देने के लिए माननीय पीएम श्री एटदरेट नरेंद्र मोदी जी का आभारी हूं। बधाई हो असम।

साथ ही इस खबर को साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ट्वीट किया, असम की शान, शाइनिंग ब्राइट! हमारी विरासत और सांस्कृतिक पहचान की उचित पहचान। गमोसा को जीआई टैग मिला है, जो इस विशेष वस्तु के हजारों बुनकरों के लिए खुशी लेकर आया है जो असम का वैश्विक प्रतीक बन गया है। सबको शुभकामनाएं।

गमोसा, सफेद कपड़े का एक आयताकार टुकड़ा जिसके तीन तरफ लाल बॉर्डर होता है और चौथे पर लाल बुने हुए रूपांकनों को सम्मान के निशान के रूप में पेश किया जाता है।

गमोसा का उपयोग नामघर (असमिया पूजा स्थलों) में वेदी को ढंकने और शास्त्रों को ढंकने के लिए किया जाता है।

बिहू के दौरान मेहमानों का स्वागत गमोसा और तमुल (सुपारी) से किया जाता है।

विशेष रूप से, जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) एक लेबल है जो उन प्रोडक्ट्स पर दिखाई देता है जिनकी विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है और जो किसी विशेष स्थान से जुड़े होते हैं।

(आईएएनएस)

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