कोरोना संकट में केजरीवाल की मांग- वैक्सीन का फॉर्मूला सार्वजनिक करें केन्द्र सरकार
कोरोना संकट में केजरीवाल की मांग- वैक्सीन का फॉर्मूला सार्वजनिक करें केन्द्र सरकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को डिजिटिल प्रेस ब्रिफ्रिंग की। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से कोरोना वैक्सीन का फार्मूला सार्वजनिक करने की मांग की है। केजरीवाल का कहना कि भारत सरकार दूसरी कंपनी को भी वैक्सीन बनाने का आदेश दें। ताकि दवाओं का निर्माण करने वाली दूसरी कंपनियां भी वैक्सीन का उत्पादन कर सके। इससे देश में वैक्सीन की किल्लत नहीं होगी।
केजरीवाल ने कहा, देश में अभी केवल दो कंपनियां कोरोना वैक्सीन बना रही है। यह फामूर्ला अन्य कंपनियों को भी देने से अधिक वैक्सीन का उत्पादन होगा और सभी को वैक्सीन लगाई जा सकेगी। उन्होंने ये चिंता भी जताई कि दिल्ली के पास अगले कुछ ही दिनों का वैक्सीन बचा है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि वैक्सीन एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है। आज केवल दो कंपनियां वैक्सीन बना रही हैं। यह दोनों कंपनियां मिलकर महीने में केवल छह-सात करोड़ वैक्सीन बनाती हैं। ऐसे देश के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने में दो साल से अधिक का समय लग जाएगा। तब तक कोविड की पता नहीं कितनी लहरें आ जाएगी, कितनी बर्बाद हो जाएगी। इसलिए यह जरूरी है कि हम भारत में वैक्सीन का उत्पादन युद्ध स्तर पर करें। देश के हर नागरिक को अगले कुछ महीने में वैक्सीन लगाने की राष्ट्रीय योजना बनाए।
केजरीवाल ने कहा, मैं आज एक सुझाव देना चाहता हूं कि वैक्सीन बनाने का काम केवल दो कंपनियां न करें। कई कंपनियों को वैक्सीन बनाने के काम में लगाया जाए। केंद्र सरकार इन दोनों कंपनियों से वैक्सीन बनाने का फार्मूला लेकर उन सभी कंपनियों को दे दे जो सुरक्षित तरीके से यह वैक्सीन बना सकती हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास यह पावर है। केंद्र सरकार यह कर सकती है। वैक्सीन बनाने का फामूर्ला इन कंपनियों से लेकर सार्वजनिक किया जा सकता है और यह सुनिश्चित किया जाए कि भारत में जो भी प्लांट वैक्सीन बनाने में सक्षम है, उन्हें यह फार्मूला दिया जाए। हर एक भारतीय को वैक्सीन लगनी चाहिए। यही एक तरीका है जिससे हम जल्दी से जल्दी हर एक भारतीय को वैक्सीन लगा पाएंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आपको याद होगा जब कोरोना की पहली लहर आई थी तब पीपीई किट की किल्लत थी। सोचिए यदि तब केवल दो कंपनियों ही को पीपीई किट बनाने की अनुमति होती तो आज इतनी पीपीई किट कैसे उपलब्ध होती। आज कई भारतीय कंपनियां पीपीई किट बना रही हैं। इसलिए हम किसी और पर पीपीई किट के लिए निर्भर नहीं है।
उन्होंने भारत के उद्योगपति एवं वैज्ञानिकों पर विश्वास जताते हुए कहा कि भारत में बेहतरीन उद्योगपति और वैज्ञानिक हैं। निश्चित तौर पर मैं यह कह सकता हूं यदि उन्हें अवसर दिया गया तो वे जरूर अपना सहयोग वैक्सीन बनाने में देंगे। इन कंपनियों के लाभ का एक अंश रॉयल्टी के रूप में हम उन कंपनियों को दे सकते हैं जिन्होंने इसका मूल फार्मूला तैयार किया है। भारत के हर नागरिक को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए यह आवश्यक है।
मुख्यमंत्री का कहना है कि अभी हम प्रतिदिन सवा लाख डोज वैक्सीनेशन कर रहे हैं। जल्दी हम 3 लाख से अधिक लोगों का प्रतिदिन वैक्सीनेशन करना शुरू कर देंगे। आने वाले 3 महीनों में पूरी दिल्ली के सभी लोगों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। लेकिन समस्या यह है कि हमारे पास अब अगले कुछ दिन की ही वैक्सीन बची है। यह समस्या पूरी देशव्यापी है। कुछ राज्य तो ऐसे हैं जहां वैक्सीन न होने के कारण अभी तक युवाओं का वैक्सीनेशन शुरू भी नहीं हो पाया।