असम में गिराया गया एक और मदरसा, आलिम बनकर बच्चों को पढ़ा रहे थे आतंकी, गुस्साए लोगों ने ही गिरा दिया मदरसा

असम असम में गिराया गया एक और मदरसा, आलिम बनकर बच्चों को पढ़ा रहे थे आतंकी, गुस्साए लोगों ने ही गिरा दिया मदरसा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-06 12:25 GMT
असम में गिराया गया एक और मदरसा, आलिम बनकर बच्चों को पढ़ा रहे थे आतंकी, गुस्साए लोगों ने ही गिरा दिया मदरसा

डिजिटल डेस्क,गुवाहाटी।  असम सरकार ने बीते दिनों तीन मदरसों को आतंकी कनेक्शन सामने आने के बाद ढहा दिया था। यहां पर अब एक और मदरसे को गिरा दिया गया है। इस मदरसे को असम सरकार ने नहीं बल्कि यहां के स्थानीय लोगों ने ही गिरा दिया। दरअसल गोपालपाड़ा जिले में पखिउरा चार के मदरसे में चल रही आतंकी गतिविधियों के विरोध में स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट गया, और स्थानीय लोगों ने मदरसे को गिरा दिया। 

असम में यह चौथा मदरसा है जिसे गिरा दिया गया। इस मदरसे को चलाने वाले मौलवी को पहले ही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोप है कि मदरसे के मौलावी जलालुद्दीन शेख ने बांग्लादेशी नागरिकों को शिक्षक के रूप में नियुक्त कर रखा था।    

असम पुलिस के सीपीआरओ के अनुसार इस मदरसे में दो बांग्लादेशी  रहते थे जो यहां पर जिहादी एजेंडा चलाते थे। दोनों ही बांग्लादेशी थे अब  फरार हैं। पुलिस अधिकारियों की मानें तो स्थानीय लोगों में जिहादी गतिविधियों के खिलाफ गुस्सा खा इसी कारण मदरसा ही नहीं बल्कि मकान भी गिरा दिया।  

ग्वालपाड़ा के एसपी वीवी राकेश रेड्डी ने बताया, मदरसे को तोड़ने में सरकार का कोई हाथ नहीं है। स्थानीय लोगों ने खुद आगे आकर मदरसा तोड़ दिया। यहां के स्थानीय लोग भी हैरान थे कि जो जिहादी गिरफ्तार हुए हैं वे मदरसे में पढ़ाते थे। स्थानीय लोगों ने ऐसा करके कड़ा संदेश दिया है कि वे इस तरह की जिहादी गतिविधियों का कतई समर्थन नहीं करेंगे।

बता दें असम सरकार ने बीते दिनों बारपेटा, मोरीगांव और बोंगाईगांव जिले में तीन मदरसों पर बुलडोजर चलाकर ढहा दिया था। असम सरकार ने हाल ही में जो एक्शन लिया है उससे स्पष्ट है कि सरकार आतंकी गतिविधियों के खिलाफ सख्ती से पेश आ रही है। बीते तीन माह में करीब 37 गिरफ्तारियां की गई हैं।  

पुलिस महानिदेशक का बड़ा बयान

असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंद ने हाल ही में इस्लामी संगठनों से मुलाकात कर उनसे भी मदद करने की अपील की है।  उन्होंने कहा कि बिना इस्लामी संगठनों के सहयोग के एबीटी और अल-कायदा के आतंकियों को पकड़ना आसान नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कई आतंकी शिक्षक बनकर मदरसों में घुस चुके हैं और अपने नापाक इरादों को भुनाने में लगे हैं। 

 
 

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