लापता मासूम को 5 घंटे में पुलिस ने किया बरामद, जलने से बचा चित्रकूट
लापता मासूम को 5 घंटे में पुलिस ने किया बरामद, जलने से बचा चित्रकूट
डिजिटल डेस्क,चित्रकूट। जुड़वा बच्चों के अपहरण और हत्या के बाद भड़के आक्रोश के शोलों की तपिश से चित्रकूट अभी उबरा भी नहीं था कि रंगो के पर्व होली की दोपहर 8 वर्षीय बालिका के कामता गांव स्थित घर के बाहर से खेलते खेलते लापता हो जाने से हड़कंप मच गया। तकरीबन 2:00 बजे उसके लापता होने की बात सामने आई तो परिजन आनन फानन नयागांव थाने पहुंच गए जहां टीआई संतोष तिवारी को जैसे ही यह बात पता चली तो उन्होंने आईपीसी की धारा 363 के तहत मुकदमा दर्ज करने के साथ ही पूरी टीम को बालिका की तलाश में लगा दिया। उसके घर के आस-पास सर्चिंग शुरू कर दी तो अंतर राज्य चेक पोस्टों पर सघन तलाशी और सतना बरौंधा, बांदा, मानिकपुर की तरफ जाने वाले रास्ते पर भी नाकेबंदी कर दी। इतना ही नहीं एसडीओपी बीपी सिंह और पुलिस कप्तान रियाज इकबाल फौजी इस घटनाक्रम से अवगत करा दिया। जिन्होंने आसपास के सभी थाना प्रभारियों को रहकर अपने अपने क्षेत्र में वाहनों की तलाशी और संदिग्धों से पूछताछ के निर्देश दे दिए।
ऑटो रिक्शा में सोती मिली बालिका
समय बीतने के साथ ही परिजन में घबराहट और पुलिस में बेचैनी बढ़ती जा रही थी। अनहोनी की आशंका के बीच तमाम उपायों पर काम किया जा रहा था । इसी दौरान शाम लगभग 7:00 बजे घर से कुछ दूर पर खड़े ऑटो रिक्शा की तरफ पुलिसकर्मियों की नजर गई तो करीब जाकर तलाशी ली जिस की पिछली सीट पर मासूम बालिका गहरी नींद में सोती मिली।उसे देख कर पुलिस टीम की आंखें खुशी से चमक उठी। तुरंत यह खबर वरिष्ठ अधिकारियों और उसके माता-पिता को दी गई जो आनन-फानन वहां पहुंच गए । पुलिस ने बिना देर किए बालिका को वहां से उठाया और सीधे जानकीकुंड अस्पताल ले गए ,जहां उपचार चलने के बाद वह होश में तो आई पर कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं रही। ऐसे में बयान दर्ज करने का इरादा त्याग कर नयागांव थाना प्रभारी ने बच्ची को माता पिता के सुपुर्द कर दिया तो सुरक्षा के लिहाज से कुछ पुलिसकर्मियों को अस्पताल में ही तैनात कर दिया। उन्होंने इस खबर से जिले के कप्तान को अवगत कराया तो उन्होंने पूरी टीम की पीठ थपथपाई। उधर पुलिस की सक्रियता से परिजन और पवित्र नगर के रहवासियों में खाकी के प्रति नया विश्वास स्थापित हुआ ।
क्या यह अपहरण की कोशिश थी
पुलिस ने बताया कि बच्ची को किसी प्रकार की कोई बाहरी चोट नहीं लगी थी लेकिन वह जगाने के बावजूद बार-बार सो जा रही थी जिससे यह लग रहा था कि किसीने बेहोश करने वाला केमिकल अथवा नींद की दवा खिला दी है जिसके असर से वह सो रही थी। हालांकि इसका पता डॉक्टरों की जांच व राय के बाद ही चल सकता है लेकिन इस घटना ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन की हालत खराब कर दी थी।