रेलवे के लिए जमीन देने से 6 गांवों ने किया इनकार 

वड़सा-गड़चिरोली रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण रेलवे के लिए जमीन देने से 6 गांवों ने किया इनकार 

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-28 10:35 GMT
रेलवे के लिए जमीन देने से 6 गांवों ने किया इनकार 

डिजिटल डेस्क,गड़चिरोली। बहुप्रतीक्षित वड़सा-गड़चिरोली रेल लाइन की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में अब अटकलें शुरू हाेते दिखायी दे रही है। राजस्व प्रशासन द्वारा की जा रही इस प्रक्रिया के बीच वड़सा और आरमोरी तहसील के कुल 6 गांवों के किसानों ने अपनी जमीन देने से साफ इन्कार कर दिया है। किसानों का कहना है कि, बाजार दरों के अनुसार जमीनों की कीमत आंकी नहीं जा रही है। जिसमें उनका नुकसान हाेकर वे भूमिहीन भी होंगे। किसान इसी बात को लेकर अब अपनी जमीन न देने पर अड़े हुए हैं। जिसके कारण भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अधर में दिखायी दे रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राजस्व विभाग 85.357 हेक्टेयर आर. भूमि में से अब तक केवल 3.28 हे. आर. जमीन को अधिग्रहित कर पाया है। 

यहां बता दें कि, 52 किमी लंबे वड़सा-गड़चिरोली रेल लाइन के निर्माणकार्य के लिए वड़सा (देसाईगंज), आरमोरी और गड़चिरोली तहसील के किसानों की भूमि अधिग्रहित की जाएगी। जिसकी प्रक्रिया राजस्व विभाग ने आरंभ कर दी है। मात्र इस प्रक्रिया के दौरान वड़सा तहसील के जुनी वड़सा, कुरूड़, कोंढ़ाला और आरमोरी तहसील के आरमोरी, शेगांव, पालोरा के किसानों ने अपनी जमीनें देने से साफ इन्कार कर दिया है। संबंधित गांवों के किसानों की खेत मुख्य सड़क से सटकर है। बाजार दरों के अनुसार खेत के दर काफी अधिक हंै। मात्र राजस्व विभाग सरकारी दरों के अनुसार जमीनें खरीद रहीं है। जिसमें संबंधित किसानों काे नुकसान का सामना करना पड़ेगा। इसी कारण वड़सा और आरमोरी तहसील मुख्यालयों के राजस्व विभाग में आयोजित अनेक बैठकों में उक्त गांवों के नागरिकों ने अपनी जमीन देने से साफ इन्कार कर दिया है।

फलस्वरूप रेल लाइन निर्माणकार्य के शुरुआती दौर से ही इसकी अटकलें दिखायी पड़ रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राजस्व विभाग ने आरमोरी तहसील के रवी गांव की निर्धारित 1.51 हे. आर. भूमि से अब तक 0.03 हे. आर. भूमि अधिग्रहित की है। वहीं इसी तहसील के मुल्लुर रिठ गांव की 1.31 हे. आर. में से 0.46, ठाणेगांव की 9.54 हे. आर. में से 2.42 और आकापुर चक की 4.27 हे. आर. भूमि से 0.37 हे. आर. भूमि अधिग्रहित की है। दोनों तहसीलों के जुनी वड़सा, कुरूड़, कोंढ़ाला, रवी, मुल्लुर रिठ, आरसोड़ा, आरमोरी, शेगांव, पालोरा, ठाणेगांव, वासाला, इंजेवारी, देवलगांव, आकापुर चक, किटाली और चुरमुरा आदि गांवों की कुल 85.357 हे. आर. भूमि अधिग्रहित करने की प्रक्रिया शुरू है।  मात्र अब तक नाममात्र केवल 3.28 हे. आर. भूमि ही अधिग्रहित हो पायी है। 

बनेंगे फ्लाई ओवरब्रिज 
इस रेल लाइन के बीच वड़सा तहसील के कोंढ़ाला से आरमोरी मार्ग के 4 किमी दूरी दौरान बाघ और अन्य प्रकार के कई वन्यजीव मौजूद हंै। वन्यजीवों के कारण वनों को काटकर रेल लाइन बिछाने पर रोंक लगायी गयी है। वनविभाग ने इस क्षेत्र को ग्रीन कॉरिडोर के रूप मंे घोषित किया है। इस समस्या का निवारण करने के लिए रेल मंत्रालय ने छोटे पुलों का निर्माणकार्य न करते हुए फ्लाई ओवर ब्रीज तैयार करने का निर्णय लिया है। किसी भी वन्यजीवों को परेशानी न देते हुए फ्लाई ओवर की मदद से रेल दौड़ने की योजना बनायी गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वड़सा-गड़चिरोली रेल लाइन का निर्माणकार्य आगामी 2024 तक पूर्ण करने का संकल्प लिया है। अब यह तो समय ही बताएगा कि पीएम अपने संकल्प को समय रहते साकार कर पाते हैं या नहीं? 

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