गैर जरूरी याचिका दायर करने पर लगेगा 50 हजार जुर्माना
गैर जरूरी याचिका दायर करने पर लगेगा 50 हजार जुर्माना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि कोरोना वायरस को लेकर गैर जरूरी याचिका दायर करने वालों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। हाईकोर्ट ने वकीलों से अपील की है कि वे आधारहीन याचिकाएं दायर करने से बचे। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश बी पी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि वर्तमान में सिर्फ जरूरी मामलों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए कोर्ट को शुरू रखा गया है इसके बावजूद लोगों द्वारा अनावश्यक याचिकाओं का उल्लेख किया जाना आपत्तिजनक है।
खंडपीठ ने कहा कि कोई भी कोरोना के चलते पैदा हुई स्थिति का अनुचित लाभ लेने की कोशिश न करे। इस दौरान खंडपीठ के सामने 15 याचिकाएं सुनवाई के लिए पेश की गई पर किसी में भी तत्काल सुनवाई की जरूरत नहीं महसूस की गई। जिसे देखते हुए खंडपीठ ने जुर्माने के संबंध में उपरोक्त बात कही। इससे पहले खंडपीठ के सामने कोरोना वायरस का इलाज कने वाले मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में सुविधाओं के अभाव व गंदगी होने के दावे से जुड़ी याचिका का उल्लेख किया गया।
याचिका में दावा किया गया है कि अस्पताल में स्वच्छता का अभाव है। इसके अलावा वहां पर बिल्ली व दूसरे जानवर घूम रहे हैं। इसलिए मुंबई महानगर पालिका को जरूर कदम उठाने का निर्देश दिया जाए। इस दौरान मनपा के वकील ने कहा कि मनपा ने अस्पताल के लिए जरूरी सभी कदम उठाए हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेंगे। गौरतलब है कि कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए हाईकोर्ट ने अपना कामकाज काफी सीमित कर लिया है। हाईकोर्ट ने इस सप्ताह सिर्फ दो दिन दो घंटे तक जरूरी मामलों की सुनवाई करने का निर्णय किया है। हाईकोर्ट का यह निर्णय नागपुर, औरंगाबाद व गोवा खंडपीठ पर भी लागू होगा।