37 साल पहले स्वर्गवासी हुए कर्मचारी का रिकॉर्ड देखने के लिए बनेगी कमेटी
37 साल पहले स्वर्गवासी हुए कर्मचारी का रिकॉर्ड देखने के लिए बनेगी कमेटी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पशुसंवर्धन विभाग ने 37 साल पहले मृत्यु हुई पशुधन पर्यवेक्षक मनोहर पांडे के दस्तावेज व रिकार्ड देखने के लिए एक कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। मृतक के परिजन दो दशक से ज्यादा समय से पेंशन व अनुकंपा नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे है, लेकिन कर्मचारी का रिकार्ड नहीं मिलने से सारा मामला अधर में अटका पड़ा है। पशुसंवर्धन मंत्री सुनील केदार के निर्देश के बाद विभाग मृत कर्मचारी के शासकीय दस्तावेज खंगालने में लग गया है।
वर्धा जिले के मनोहर रघुनाथ पांडे, पशुसंवर्धन विभाग में पशुधन पर्यवेक्षक थे। 28 अप्रैल 1982 में उनकी मृत्यु हुई आैर उस वक्त उनकी पोस्टिंग वर्धा जिले के खरांगणा (आर्वी) स्थित आधारभूत ग्राम उपकेंद्र में बताई जा रही है। बच्चे छोटे होने से किसी ने उस वक्त पेंशन या अनुकंपा नौकरी पर ध्यान नहीं दिया। मृतक की बेटी लता ने 1987 व 1989 में विभाग से संपर्क किया, लेकिन प्रतिसाद नहीं मिला था। बेटा रवि पांडे 2017 से लगातार विभाग से पत्राचार कर रहा है, लेकिन सकारात्मक जवाब नहीं मिला। पशुसंवर्धन मंत्री सुनील केदार को निवेदन देने के बाद विभाग तेजी से रिकार्ड खंगालने में लग गया है।
पशुसंवर्धन आयुक्तालय पूणे से लेकर सह आयुक्तालय नागपुर के अधिकारी पशुसंवर्धन उपायुक्त वर्धा से रिकार्ड मांग रहे है। इस बीच उपायुक्त पशुसंवर्धन विभाग वर्धा ने पत्र भेजकर सह आयुक्त से मार्गदर्शन मांगा है। सह आयुक्त पशुसंवर्धन नागपुर विभाग नागपुर ने मृत कर्मचारी के दस्तावेज व रिकार्ड खंगालने के लिए कमेटी बनाने का निर्णय लिया है। उपायुक्त वर्धा को कमेटी बनाकर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। वर्धा जिले के आर्वी तहसील स्थित खरांगणा आधारभुत ग्राम उपकेंद्र 2004 में बंद हो चुका है।
शासकीय दस्तावेज प्रशासन के पास होने चाहिए
पिता मनोहर पांडे के नौकरी संबंधी दस्तावेजों की फाइल हमारे पास थी, जो बाद में गुम हो गई। कर्मचारी से संबंधित शासकीय दस्तावेज व सेवा पुस्तिका प्रशासन के पास होनी ही चाहिए। लंबे समय से हम पेंशन व अनुकंपा नौकरी की मांग कर रहे है। प्रशासन दिलचस्पी ले तो रिकार्ड मिल सकता है। -रवि मनोहर पांडे, मृत कर्मचारी का बेटा.
उपायुक्त को पुन: रिकार्ड देखने कहा
उपायुक्त को मृत कर्मचारी से संबंधित रिकार्ड देखने को कहा है। काफी पुराना मामला होने से एकदम से रिकार्ड नहीं मिलेगा। कमेटी बनाकर दस्तावेज देखने व तत्संबंधी रिपोर्ट मंगाई है। डा. के. कुंभरे, प्रादेशिक सह आयुक्त, पशुसंवर्धन विभाग नागपुर.
परिजन जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए
हमें कर्मचारी से संबंधित रिकार्ड नहीं मिला। खरांगणा उपकेंद्र 2004 में बंद हो चुका है। परिजन जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए, तो हम सहयोग करने को तैयार है। सह आयुक्त का मार्गदर्शन मांगा गया है। -डा. राजीव भोजने, उपायुक्त, पशुसंवर्धन विभाग वर्धा.