2 जापानी कंपनियां 576 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी

तेलंगाना 2 जापानी कंपनियां 576 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-13 13:01 GMT
2 जापानी कंपनियां 576 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। जापान की दो कंपनियों ने मंगलवार को तेलंगाना में 576 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की।

स्वचालित सामग्री प्रबंधन प्रौद्योगिकी और समाधान योजनाओं की दुनिया की अग्रणी कंपनी दाइफुकु एक विनिर्माण सुविधा स्थापित करेगी।

कंपनी 450 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और 800 से अधिक लोगों को रोजगार देगी।

निकोमैक तैकिशा क्लीनरूम प्राइवेट लिमिटेड 126 करोड़ रुपये का निवेश करके हैदराबाद में अपनी तीसरी विनिर्माण सुविधा स्थापित करेगी।

कंपनी अपने क्लीनरूम उत्पादन का विस्तार करेगी और एचवीएसी सिस्टम का उत्पादन शुरू करेगी।

तेलंगाना के उद्योग और वाणिज्य मंत्री के.टी. रामाराव की मौजूदगी में दोनों फर्मो के शीर्ष अधिकारियों ने यह घोषणा की।

दाइफुकु ने तेलंगाना सरकार के साथ अलग समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।

इस मौके पर रामाराव ने कहा कि कंपनियों ने तेलंगाना में निवेश का फैसला कर सही चुनाव किया है।

उन्होंने कहा कि भारत विशिष्ट स्थिति में है, क्योंकि दुनिया चीन के बाहर वैकल्पिक विनिर्माण स्थानों को देख रही है।

केटीआर ने कहा, भारत को दुनिया के विभिन्न हिस्सों से सर्वोत्तम तत्व लेने की जरूरत है। आप इस अवसर को नहीं छोड़ सकते। यदि भारत को इस पर रोक लगानी है, तो हमें वह करना होगा, जो अमेरिका ने पिछले 30 साल में और चीन ने 25 साल में किया। हमारे पास लीप फ्रॉगिंग का अवसर नहीं है। हमें पोल-वॉल्ट करना होगा।

मंत्री ने कहा कि देश को सिर्फ उच्च तकनीक, उन्नत या स्मार्ट विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे बुनियादी विनिर्माण पर ध्यान देना चाहिए और औद्योगिक क्रांति 4.0 के हिस्से के रूप में स्मार्ट और कुशल विनिर्माण भी सुनिश्चित करना चाहिए।

उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े फार्मा और औद्योगिक पार्क बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कामना की कि एफटीसीसीआई-सीआईआई और जापानी जैसे उद्योग निकाय मिलकर ऐसे बड़े पार्क बनाएंगे।

केटीआर ने कहा कि वह पिछले कुछ दशकों में जापान द्वारा दिखाए गए अद्भुत तप और लचीलेपन की प्रशंसा करते हैं।

उन्होंने कहा, अपेक्षाकृत कम आबादी के आकार, लगातार भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं, हिरोशिमा व नागासाकी पर परमाणु विस्फोटों के इतिहास के बावजूद जापान एक प्रमुख आर्थिक शक्ति बना हुआ है।

(आईएएनएस)

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