पिता चलाते है पान की दुकान, बेटे ने दिलाया भारत को सिल्वर मेडल, जानिए कौन है संकेत महादेव!

Commonwealth Games 2022 पिता चलाते है पान की दुकान, बेटे ने दिलाया भारत को सिल्वर मेडल, जानिए कौन है संकेत महादेव!

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-30 14:21 GMT
पिता चलाते है पान की दुकान, बेटे ने दिलाया भारत को सिल्वर मेडल, जानिए कौन है संकेत महादेव!

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत ने सिल्वर मेडल के साथ अपना खाता खोला है। संकेत महादेव सरगर ने पुरुष वेटलिफ्टिंग के 55 किलो भारवर्ग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। संकेत सरगर ने स्नैच और क्लीन एंड जर्क को मिला कुल 248 किग्रा वजन उठाते हुए सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया। संकेत ने अपने पहले राउंड स्नैच में 113 कि.ग्रा. वहीं दूसरे राउंड क्लीन एंड जर्क में 135 कि.ग्रा. वजन उठाया। 

महाराष्ट्र के छोटे से गांव सांगली से आने वाले संकेत का वेटलिफ्टिंग से गहरा लगाव रहा है। संकेत कोल्हापुर में स्थित शिवाजी यूनिवर्सिटी में इतिहास के छात्र हैं। संकेत खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2020 और खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020 के विजेता भी रह चुके है, उनके नाम 55 कि.ग्रा. में सर्वाधिक 256 कि.ग्रा. वजन उठाने का राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी दर्ज है। 

गोल्ड जीतकर पिता की मदद करना चाहते है संकेत 

संकेत का सपना है कि वो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर अपने पिता को आराम करता देख सके। संकेत के पिता सांगली में पान की दुकान चलाते है। संकेत ने हाल ही में कहा, "अगर मैं गोल्ड जीत लेता हूं तो अपने पिता की मदद करूंगा। उन्होंने मेरे लिए काफी मेहनत किया है। मैं उन्हें अब खुशियां देना चाहत चाहता हूं। संकेत का टारगेट पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण जीतना है।"

कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप से किया क्वालिफाई 

संकेत महादेव ने पिछले साल पटियाला में हुए प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया था। संकेत ने ताशकंद में आयोजित कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में 55 कि.ग्रा. वर्ग में गोल्ड जीतकर बर्मिंघम कॉमनवेथ गेम्स 2022 में क्वालिफाई किया था। संकेत भारत के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में सबसे युवा वेटलिफ्टिंगर्स में से एक है। 

पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स में आर वेंकट राहुल और सतीश शिवलिंगम द्वारा गोल्ड मेडल जीतने के बाद इस बार संकेत से गोल्ड मेडल की उम्मीदें थी लेकिन चोट की वजह से संकेत अंतिम राउंड में सही से भार नही उठा सके जिसके कारण उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा।   
 

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