स्वदेशी खेल खो-खो दुनिया भर में दर्ज करा चुका अपनी उपस्थिति : सुधांशु मित्तल
खो-खो स्वदेशी खेल खो-खो दुनिया भर में दर्ज करा चुका अपनी उपस्थिति : सुधांशु मित्तल
- लीग चरण में कुल 34 मैच खेले जाएंगे
- जिसमें प्रत्येक दिन दो मैच होंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खो-खो को व्यापक रूप से भारत के सबसे प्राचीन खेलों में से एक माना जाता है। पिछले पांच सालों में इस खेल में काफी बदलाव आया है। खो खो फेडरेशन ऑफ इंडिया (केकेएफआई) के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने शनिवार को यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि स्वदेशी खेल अब दुनिया भर में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। उन्होंने आगे कहा, कल से शुरू हो रहे अल्टीमेट खो-खो के साथ, खेल नई ऊंचाइयों को छुएगा, जो सपने के सच होने जैसा रहेगा। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे अपने भारतीय खेल को दुनिया में प्यार और पहचान मिले।
अल्टीमेट खो खो (यूकेके) का पहला सीजन 14 अगस्त को पुणे के बालेवाड़ी स्टेडियम में शुरू होगा। टूर्नामेंट में कुल छह टीमें भाग लेंगी। खो-खो के खेल के लिए फ्रेंचाइजी-आधारित लीग पहली होगी और प्रतियोगिता में चेन्नई, मुंबई, गुजरात, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश की टीमें हिस्सा लेंगी।
लीग चरण में कुल 34 मैच खेले जाएंगे, जिसमें प्रत्येक दिन दो मैच होंगे। नॉकआउट चरण में मैच प्लेऑफ प्रारूप में खेले जाएंगे, जिसमें क्वालीफायर और एलिमिनेटर राउंड शामिल होंगे। गेम्स शाम 7:00 बजे से खेले जाएंगे और सोनी लिव पर लाइव होंगे।
भविष्य के कार्यक्रमों के बारे में बात करते हुए मित्तल ने कहा कि एशिया कप 12 अक्टूबर से दिल्ली में 12 एशियाई देशों के बीच खेला जाएगा।एशिया कप के लिए तैयारियां बहुत अच्छी चल रही हैं और फिर 20 काउंटियों के बीच विश्व कप होगा, जिसके लिए तारीख और स्थान को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
द्विपक्षीय प्रचार के एक भाग के रूप में, भारत-इंग्लैंड और भारत-नेपाल के बीच खो-खो टेस्ट मैच भी खेले गए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए ईरान, सिंगापुर, श्रीलंका, अफगानिस्तान और दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में कोचों की प्रतिनियुक्ति की जा रही है। हमने जेएलएन स्टेडियम में भारत में लेवल-1 इंटरनेशनल कोचिंग कैंप भी आयोजित किया है जिसमें 16 देशों के 66 खिलाड़ियों ने भाग लिया था।
खिलाड़ियों की शारीरिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाने के लिए मानव रचना विश्वविद्यालय, फरीदाबाद में राष्ट्रीय कोचिंग शिविर भी आयोजित किया गया। केकेएफआई के ठोस प्रयासों के कारण, चार महाद्वीपों के 36 देशों में खो-खो खेला जा रहा है। केकेएफआई अध्यक्ष ने भी समर्थन के लिए सरकार को धन्यवाद दिया।
उन्होंने आगे कहा, भारत सरकार खेल कोटा के तहत खो-खो को नौकरियों के लिए खेल की प्राथमिकता सूची में शामिल करने के लिए बहुत दयालु और विचारशील रही है। इसे अखिल भारतीय पुलिस खेल नियंत्रण बोर्ड (एआईपीएससीबी) के खेल पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है। यह हमारे गांवों के गरीब और वंचित युवा खो-खो खिलाड़ियों को भारत में सीएपीएफ और पुलिस संगठनों में भर्ती होने का अवसर प्रदान करेगा। हमने जून 2022 में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर में महिलाओं के लिए नेशनल खो-खो लीग का भी आयोजन किया है और एमवाईएएस/साई से वित्तीय अनुदान के साथ सब-जूनियर, जूनियर और सीनियर श्रेणियों में महिलाओं के लिए तीन और समान लीग की योजना बनाई गई है।
(आईएएनएस)
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