खेल रत्न विवाद में हरभजन चाहते हैं जांच
खेल रत्न विवाद में हरभजन चाहते हैं जांच
- हरभजन का खेल रत्न का नामांकन देरी से हुआ था
- जिसके बाद खेल मंत्रालय ने उनके नामांकन को खारिज कर दिया था
- सीनियर स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने पंजाब सरकार के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी से खेल रत्न के लिए दाखिल किए गए उनके नामांकन में देरी के वजह की जांच करने की मांग की है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीनियर स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने पंजाब सरकार के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी से खेल रत्न के लिए दाखिल किए गए उनके नामांकन में देरी के वजह की जांच करने की मांग की है। हरभजन का खेल रत्न का नामांकन देरी से हुआ था, जिसके बाद खेल मंत्रालय ने उनके नामांकन को खारिज कर दिया था।
2011 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे हरभजन ने यूट्यूब पर एक वीडियो जारी कर कहा है, मुझे मीडिया से पता चला है कि पंजाब सरकार द्वारा राजाव गांधी खेल रत्न के लिए मेरे नाम का नामांकन भरने में देरी की गई और इसी कारण केंद्र ने उसे खारिज कर दिया। इसके पीछे वजह दी गई है कि मेरे कागजात देरी से पहुंचे थे। मुझे पता चला है कि देरी के कारण मुझे इस साल यह अवार्ड नहीं मिल पाएगा।
ऑफ स्पिनर ने कहा, मैं पंजाब सरकार के खेल मंत्री से गुजारिश करना चाहता हूं कि वह इस मामले में जांच करें कि क्यों मेरे नामंकन में देरी की गई क्योंकि जहां तक मेरी बात है मैंने 20 मार्च तक फॉर्म जमा कर दिया था, लेकिन फिर भी इसमें देरी हुई। अगर यह समय पर होता तो मुझे इस साल यह अवार्ड मिल सकता था।
हरभजन ने कहा, खिलाड़ी के प्रदर्शन पर अगर उसे अवार्ड मिलता है तो यह उसके लिए प्ररेणा की बात होती है। अगर इसी तरह से देरी होती रही तो कई खिलाड़ी अवार्ड से वंचित रह जाएंगे और यह एक स्तर पर सही नहीं होगा। मुझे उम्मीद है कि संबंधित मंत्री इस पर काम करेंगे और केंद्र को मेरा नामांकन सही समय पर भेजेंगे। हरभजन के अलावा महिला धावक दुती चंद का अर्जुन अवार्ड के लिए भी नामांकन भी इसी वजह से रद्द कर दिया गया था।