एकनाथ शिंदे सरकार को फिलहाल बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र मामले को बड़ी बेंच को सौंपा, शीर्ष अदालत ने राज्यपाल की भूमिका पर उठाए सवाल

महाराष्ट्र की राजनीति आज दिन भर गरम रहने वाली है

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-11 03:20 GMT

डिजिटल डेस्क, मुबंई। महाराष्ट्र की सियासत से बहुत बड़ी खबर आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने "महाराष्ट्र मामले" को लेकर बेहद ही सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने उद्धव ठाकरे की याचिका को बड़ी बेंच को सौंप दिया है। अब इस पूरे मामले की सुनवाई बड़ी बेंच करेगी। जिसके बाद फैसला सुनाया जाएगा। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र की राजनीति आज दिन भर गरम रहने के आसार हैं क्योंकि पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की याचिका पर आज अहम फैसला आने वाला था लेकिन अब फिलहाल के लिए टल गया है। बता दें कि, पिछले साल शिवसेना दो फाड़ हो गई थी। ठाकरे के दाहिने हाथ कहे जाने वाले एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत करते हुए अपने समर्थकों के साथ शिवसेना पर धावा बोल दिया था। जिसके बाद शिंदे ने महाविकास अघाड़ी को चुनौती देते हुए भाजपा से मिलकर महाराष्ट्र की सरकार की बागडोर अपने हाथों में ले लिया था।

इस पूरे घटनाक्रम पर जबरदस्त तरीके से राजनीति देखने को मिली थी। उद्धव ठाकरे से बगावत करने के बाद व बीजेपी से मिलकर सरकार बनाने तक एकनाथ शिंदे को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इस पूरे मामले को देखते हुए उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और एकनाथ शिंदे की बगावत को चैलेंज किया था। जिस पर तमाम सुनवाई होने के बाद आज शीर्ष अदालत से फैसला सुनाने वाला था। लेकिन अब इस पूरे मामले को सुप्रीम कोर्ट ने बड़े बेंच के सामने भेजने का निर्णय किया है। ठाकरे की ओर से शीर्ष अदालत से ये भी गुहार लगाई गई है कि शिंदे के साथ जो भी विधायक गए हुए हैं उनकी सदस्यता रद्द की जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

महाराष्ट्र की  सियासत में उठापटक को लेकर शीर्ष अदालत ने कहा, स्पीकर ने सही व्हीप जानने की कोशिश नहीं की। कोर्ट ने कहा, आतंरिक मामले को लेकर फ्लोर टेस्ट सही नहीं है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि, राज्यपाल को अंदरूनी मामलों में नहीं पड़ना चाहिए था। आपको बता दें कि, शिंदे के बगावत के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे भगत सिंह कोश्यारी ने एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने का न्योता दिया था। जिस पर शीर्ष अदालत ने सवाल खड़ा किया है। वहीं उद्धव के इस्तीफे पर सीजेआई ने कहा कि, ठाकरे ने बिना फ्लोर टेस्ट के इस्तीफा दे दिया था ,उन्हें फ्लोर टेस्ट का सामना करना था।

फडणवीस ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट के टिप्पणी के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा था कि, मौजूदा सीएम और डिप्टी सीएम में जरा भी नैतिकता होगी तो वो अपना इस्तीफा दे देंगे। अब इसी मामले पर एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने साझा प्रेस कॉन्फेंस करते हुए उद्धव ठाकरे को घेरा है। फडणवीस ने कहा, नैतिकता की बात करना उद्धव ठाकरे को शोभा नहीं देता। मैं उनसे पूछता हूं कि भाजपा के साथ चुनकर आए और मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के साथ जब गए तब नैतिकता को कौन से डब्बे में डाला था? उन्होंने डर के कारण इस्तीफा दिया था।

शिंदे ने ठाकरे को पढ़ाया नैतिकता का पाठ?

सीएम एकनाथ शिंदे ने भी नैतिकता का पाठ पढ़ाते हुए ठाकरे को कहा, नैतिकता की बात अब करने से अच्छा तब करनी चाहिए थी जब चुनाव हुआ था। तब अगर लोगों का निर्णय देखते हुए नैतिकता की बात करते तो भाजपा-शिवसेना की सरकार बन जाती लेकिन इन्होंने कुर्सी पाने के लिए फैसला लिया। शिंदे ने उद्धव ठाकरे की इस्तीफे का जिक्र करते हुए आगे कहा, इस्तीफा उद्धव ठाकरे ने दिया था। आपके पास अल्पमत था, कितने लोग बचे थे? उन्हें पता था उनकी हार हो जाएगी और तब राज्यपाल ने निर्णय लिया जो सही था। शिवसेना और बालासाहेब की विचारधारा को बचाने का काम हमने किया है।

भगत सिंह कोश्यारी ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे भगत सिंह कोश्यारी पर भी सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि, गवर्नर को अंदरूनी मामलों में नहीं पड़ना चाहिए था। अब इस पूरे मामले पर कोश्यारी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, "मैं सिर्फ संसदीय और विधायी परंपरा जानता हूं और उस हिसाब से मैंने तब जो कदम उठाए सोच-समझकर उठाए। जब इस्तीफा मेरे पास आ गया तो मैं क्या कहता कि मत दो इस्तीफा।"

संजय राउत ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर उद्धव गुट के शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिंदे गुट का व्हिप गैरकानूनी है, इसका मतलब है कि उनका व्हिप गैरकानूनी है और हमारे व्हिप ने जो आदेश दिया वह कानूनी है, तो उस व्हिप के मुताबिक सबकी यानी शिंदे गुट की सदस्यता निरस्त हो जाएगी।"

ठाकरे हारे तो...

वहीं इस पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के निगरानी में हुई है। ऐसा अंदेशा जताया जा रहा था कि आज करीब 12 बजे इस पूरे मामले पर चीफ जस्टिस फैसला सुना सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। महाराष्ट्र की राजनीति को समझने वाले कहते हैं कि, अगर सुप्रीम कोर्ट उद्धव ठाकरे के पक्ष में फैसला सुनाता है तो महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि एकनाथ शिंदे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़े। हालांकि, जानकार ये भी मानते हैं कि अगर एकनाथ शिंदे के पक्ष में फैसला शीर्ष अदालत से आता है तो सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन इसे ठाकरे के राजनीतिक करियर में एक बड़ी हार के तौर पर देखा जाएगा। 

संजय राउत ने क्या कहा था?

इस पूरे मामले पर उद्धव गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बीते दिन मीडिया से कहा था कि, कल फैसला होगा कि ये देश संविधान से चलता है कि नहीं, देश में लोकतंत्र जीवित है कि नहीं। कल ये भी फैसला होगा कि हमारी न्याय व्यवस्था किसी दबाव में काम कर रही है या नहीं। राउत ने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए आगे कहा था कि, ये देश संविधान से चलता है और जो देश संविधान से नहीं चलता उसका हाल आप पाकिस्तान के रूप में देख सकते हैं। हम चाहते हैं कि ये देश संविधान से चले, हमारी न्याय व्यवस्था स्वतंत्र रहे।

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