विजयन की छवि ओ.सी. की तरह बनाने के प्रयास में माकपा
विजयन की छवि सुधारने में लगी माकपा
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। "जनता के व्यक्ति" के रूप में प्रसिद्ध केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओमन चांडी के निधन पर जनता की भारी प्रतिक्रिया से स्तब्ध सत्तारूढ़ माकपा अपने जन प्रतिनिधियों की छवि में व्यापक बदलाव पर विचार कर रही है। मामले के जानकार सूत्रों के मुताबिक, पिछले सप्ताह माकपा के शीर्ष नेताओं की साप्ताहिक बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी।
नए अवतार में सड़क पर उतरने वाले पहले व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि मुख्यमंत्री विजयन हैं जो अपने गृहनगर कन्नूर में लोगों से मिलेंगे और उनकी शिकायतें सुनेंगे। पूरी संभावना है कि विजयन और उनके करीबी सहयोगियों को मुस्कुराते हुए और करुणा दिखाते हुए देखा जा सकता है - चांडी का यूएसपी जिसने उन्हें एक किंवदंती बना दिया। संयोग से, चांडी ने 2004 में अपना नया जन संपर्क कार्यक्रम शुरू किया था, जब वह सभी 14 जिला मुख्यालयों में 18 घंटे से अधिक समय तक खड़े होकर लोगों की शिकायतें सुनते थे और उनसे मिलने आए अंतिम व्यक्ति से मिलने के बाद ही वहां से निकलते थे।
उनके इस मानवीय व्यवहार ने उन्हें तुरंत प्रसिद्धि दिला दी और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह कार्यक्रम तब भी जारी रहा जब 2011 में वह मुख्यमंत्री बने। उन्हें इसके लिए संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार भी मिला। उस समय, माकपा और उसके नेताओं ने यह कहकर चांडी का उपहास किया था कि यह काम तो एक सामान्य सरकारी अधिकारी भी कर सकता है, मुख्यमंत्री को महत्वपूर्ण मामलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
एक राजनीतिक विश्लेषक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि माकपा के तरीके अजीब हैं। “कोई भी यह कभी नहीं भूल सकता कि कैसे एक मुख्यमंत्री लगातार 18 घंटे तक खड़े रहे और लोगों से बातचीत की और उनमें से प्रत्येक को सुना। जब चांडी ने लोगों से मिलने के लिए 18 घंटे तक इंतजार किया, तो लोगों ने उनकी आखिरी झलक पाने के लिए घंटों इंतजार किया, और उनके शव वाहन को 158 किलोमीटर की दूरी तय करने में 38 घंटे लग गए।”
राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि चांडी पिछले सात साल से केवल एक विधायक थे और उनके पास कोई पद नहीं था। वहीं, विजयन बहुत सख्त दिखते हैं और शायद ही कभी मुस्कुराते हैं। कई लोग हमेशा मुस्कुराते रहने वाले चांडी से उनकी तुलना करते हैं। माकपा ने अपने मजबूत साइबर विंग को भी यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सोशल मीडिया पर डाले जाने वाले सभी पोस्ट और तस्वीरों पर अत्यधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। इसमें सहानुभूति झलकनी चाहिए। अन्य राजनीतिक दलों के विपरीत माकपा एक कैडर पार्टी है। शीर्ष से निर्देश सभी तक पहुंचे यह सुनिश्चित करना कोई मुश्किल काम नहीं है, खासकर जब लोकसभा चुनाव तेजी से नजदीक आ रहे हैं।
(आईएएनएस)
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