इंडिया गठबंधन में दरार!: अलग हुए 'यूपी के लड़के'! राहुल गांधी की सभा में नहीं शामिल होंगे अखिलेश यादव, टिकट फॉर्मूले ने बिगाड़ी बात!
- यूपी में कांग्रेस और सपा के अलग हुए राह
- अखिलेश यादव के ऑफर को कांग्रेस ने ठुकरा
- अब दोनों पार्टी यूपी में अलग लड़ेगी चुनाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब और पश्चिम बंगाल के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी इंडिया गठबंधन पूरी तरह से बिखर चुका है। यूपी में कांग्रेस और सपा के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बन पाई है। अखिलेश यादव ने सोमवार के दिन कांग्रेस को 17 सीटों का आखिरी ऑफर दिया था। सपा की ओर से दिए गए ऑफर में मुरादाबाद और संभल सीट शामिल नहीं थे। जिस पर कांग्रेस लगातार दावेदारी कर रही थी। ऐसे में कांग्रेस ने सपा की ओर से मिले 17 सीटों के ऑफर का ठुकरा दिया है। अब दोनों ही पार्टी 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेगी।
सपा-कांग्रेस में बढ़ी दूरियां
इधर, अखिलेश यादव अब राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल नहीं होंगे। सपा नेता को आज राहुल गांधी के जनसभा में शामिल होना था। लेकिन सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनने के चलते अखिलेश यादव ने राहुल की यात्रा से दूरी बना ली है। इसके अलावा सपा के कार्यकर्ता भी राहुल गांधी की यात्रा से लौटने लगे हैं। सपा के कार्यकर्ता सीट शेयरिंग को लेकर बात फाइनल होने पर राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने वाले थे। बता दें कि अखिलेश यादव ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह तभी यात्रा में शामिल होंगे, जब सीट शेयरिंग को लेकर समझौता होगा।
कांग्रेस की मांग
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने कांग्रेस को 17 सीटों का ऑफर दिया था। लेकिन कांग्रेस मुरादाबाद और संभल लोकसभा सीट को लेकर अड़े रहे। हालांकि, कांग्रेस को सीटों की संख्या को लेकर कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन, कांग्रेस की कोशिश थी कि उन्हें मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिले। पार्टी को लगता है कि वह मुस्लिम बहुल इलाके में आसानी से जीत हासिल कर लेगी। ऐसे में कांग्रेस मुस्लिम बहुल सीटों पर अपना दावा कर रही है।
सपा की राय
कांग्रेस में जिन सीटों पर दावा कर रही है उनमें मुरादाबाद की सीट शामिल है। अखिलेश यादव किसी भी हाल ही में इस सीट को खोना नहीं चाहते हैं। मुस्लिम वोट को लेकर सपा की राय है कि कांग्रेस की वह सीट तभी मिल सकती है, जब सपा वहां कमजोर हो। लेकिन दूसरे समुदायों का वोट मिलना कांग्रेस के लिए मुश्किल हैं। ऐसे में कांग्रेस को सपा के साथ गठजोड़ कर लेना चाहिए था।
ये सीट कांग्रेस को हुआ था ऑफर
सूत्रों के अनुसार सपा की ओर से दिए गए ऑफर में अमेठी, रायबरेली, वाराणसी, अमरोहा, बागपत, सहारनपुर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हाथरस, झांसी, फतेहपुर, सीकरी, सीतापुर, कैसरगंज, बाराबंकी, कानपुर, बुलंदशहर और महाराजगंज सीट शामिल थीं।