तृणमूल कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा पर संसदीय समिति की बैठक की मांग की
- तृणमूल कांग्रेस की मांग
- मणिपुर हिंसा पर मीटिंग की मांग
पत्र में ओब्रायन ने कहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा के परिणामस्वरूप राज्य के लोग जबरदस्त आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं और एटीएम के सामने लंबी कतारें हैं। ओब्रायन के अनुसार, बैठक आयोजित करने से हिंसा प्रभावित राज्य में मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी। तृणमूल कांग्रेस का नेतृत्व मणिपुर हिंसा के बारे में तब से मुखर रहा है, जब 3 मई को जातीय संघर्ष पहली बार शुरू हुआ था।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मणिपुर हिंसा की तुलना अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल में चल रहे कुर्मी आंदोलन से भी की थी। उन्होंने भाजपा और केंद्र पर राज्य में अन्य आदिवासी समुदायों के लोगों के खिलाफ कुर्मियों को भड़काकर पश्चिम बंगाल में मणिपुर जैसी जातिगत हिंसा की स्थिति पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ-साथ केंद्र पर मणिपुर संकट को हल करने में अनिच्छुक होने का आरोप लगाया।
मणिपुर का मामला 8 जुलाई के पंचायत चुनावों के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती पर बहस के दौरान भी उभरा है। तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने मणिपुर में स्थिति को नियंत्रण में लाने में बलों की अक्षमता पर सवाल उठाया है।
आईएएनएस
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|