अहंकार की ईंटों से नहीं, संवैधानिक मूल्यों से बनती है संसद : राहुल गांधी
राहुल गांधी ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, राष्ट्रपति को उद्घाटन नहीं करने देना और न ही उन्हें उद्घाटन समारोह में बुलाना देश के शीर्ष संवैधानिक पद का अपमान है। संसद अहंकार की ईंटों से नहीं बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, संसद में लोकतंत्र की शहनाई बजनी चाहिए, लेकिन जब से स्वघोषित विश्वगुरु पधारे हैं, तब से एकतंत्र की तोप चलाई जा रही है। इमारत नहीं, नीयत बदलो!
इससे पहले दिन में, समान विचारधारा वाले 19 दलों ने एक संयुक्त बयान जारी किया और कहा, जब संसद भवन में कोई आत्मा नहीं है, तो हम नई इमारत में कोई मूल्य नहीं देखते हैं और इसके उद्घाटन का बहिष्कार करने के हमारे सामूहिक निर्णय की घोषणा करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है।
(आईएएनएस)
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